
पेट्रोल-डीजल की कीमतें भले ही 55 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हों, लेकिन फिलहाल सरकार को एक्साइज ड्यूटी घटाने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के मुताबिक अभी पेट्रोल-डीजल की कीमतें उस स्तर पर नहीं पहुंची हैं, जहां एक्साइज ड्यूटी घटाने की जरूरत पड़े.
तेल कंपनियों ने पिछले एक हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. मंगलवार को भी एक लीटर पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 74.63 रुपये पर ही है. डीजल भी पिछले 8 दिनों से 65.93 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है. कंपनियों ने 24 अप्रैल को आखिरी बार कीमतें बढ़ाई थीं.
गर्ग ने कहा कि अगर इसकी वजह से रसोई गैस की कीमती बढ़ती हैं, तो सरकार का वित्तीय गणित गड़बड़ा सकता है. क्योंकि सरकार इस पर सब्सिडी देती है. गर्ग ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कहा कि अभी कीमतें उस स्तर पर नहीं पहुंची हैं, जहां एक्साइज ड्यूटी घटाने की जरूरत पड़े. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कौन सा स्तर होगा, जब सरकार एक्शन लेगी.
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि अगर कीमतें ऊपर नहीं जाती हैं, तो एक्साइज ड्यूटी में कटौती की कोई वजह नहीं बनती है. उन्होंने बताया कि एक्साइज ड्यूटी में अगर एक रुपये की भी कटौती होती है, तो इससे सरकार को 13,000 करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है.
बता दें कि केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है. इसके बाद राज्यों की तरफ से वैट लगाया जाता है. दिल्ली की बात करें, तो यहां पेट्रोल पर 15.84 रुपये प्रति लीटर वैट लगता है. डीजल पर 9.68 रुपये प्रति लीटर वैट है.