
लोकसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद से लगातार दूसरे दिन तेल के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 5 पैसे और डीजल 9 पैसे महंगा हो गया. इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की नई कीमत 71.17 रुपये प्रति लीटर हो गई है. इसी तरह डीजल की नई कीमत 66.20 रुपये लीटर हो गई है.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल में 9 पैसे की वृद्धि दर्ज की गई जबकि डीजल में 15 पैसे का इजाफा हुआ था. इस लिहाज से लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद के दो दिनों में पेट्रोल 14 पैसे महंगा हो गया है जबकि डीजल की कीमत में 24 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अब यह पेट्रोलियम पदार्थो के दाम में राहत मिलने की गुंजाइश समाप्त होती दिख रही है.
आगे भी बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका!
तेल के दाम में बढ़त का यह सिलसिला आगे भी जारी रहने की आशंका है. दरअसल, खाड़ी क्षेत्र में तनाव के अलावा ईरान और वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति प्रभावित होने समेत वैश्विक परिस्थितियों से आगे कच्चे तेल के दाम में वृद्धि हो सकती है. इससे तेल की महंगाई पर लगाम लगाना मुश्किल होगा. कमोडिटी बाजार के जानकारों के मुताबिक तेल कंपनियां घाटे को पाटने के लिए आगे कीमतों में 3-5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती हैं.
मार्च और अप्रैल में कंट्रोल थे दाम
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने बताया है कि मार्च और अप्रैल के महीने में तेल कंपनियों ने पेट्रोल 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल 3 रुपये प्रति लीटर की रियायत पर बेची, जबकि इंडियन बास्केट में कच्चे तेल की औसत कीमत क्रमश : 67 डॉलर प्रति बैरल और 71 डॉलर प्रति बैरल थी. यह स्तर मई में भी अब तक बरकरार है.
बता दें कि बीते साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान तेल कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी के बावजूद 19 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन उसके बाद लगातार 16 दिनों तक कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा था. तेल कंपनियों के इस रवैये की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब 3.5 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई थीं.