
साल 2004 में केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लॉन्च किया था. इसका मकसद उन सरकारी कर्मचारियों को पेंशन सिस्टम से जोड़ना था जो पुरानी पेंशन योजनाओं के दायरे से बाहर थे. सरकार ने 2009 में इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया. अब इस योजना में एक जरूरी बदलाव हुआ है.
क्या हुआ है बदलाव
दरअसल, पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए ने एनपीएस से जुड़ने के लिए ‘वन-टाइम पासवर्ड’ सुविधा पेश की है. नियामक ने एनपीएस खाता खोलने और उसे और आसान बनाने के लिये ये कदम उठाया है. इसके तहत अंशधारक अब ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिये अपना एनपीएस खाता खोल सकते हैं. इसमें पीओपी (प्वाइंट ऑफ प्रजेंस) के लिए रजिस्टर्ड बैंक के ग्राहक अगर संबंधित बैंक के इंटरनेट बैंकिंग के जरिये एनपीएस खाता खोलना चाहते हैं, वे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
देनी होगी केवाईसी की जानकारी
नॉन-इंटरनेट बैंकिंग डिजिटल माध्यम यानी पीओपी के जरिये बिना किसी कागजी दस्तावेज के लिए एनपीएस खाता खोलने को लेकर संबंधित ग्राहक के मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी और ई-मेल का उपयोग किया जा सकता है. केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) के पूरा होने के बाद पीओपी को एनपीएस अंशधारकों के बारे में सूचना/जानकारी ग्राहक के फोटो और हस्ताक्षर की इमेज के साथ सेंट्रल रिकार्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरए) को देनी होगी.
पीओपी और सीएआरए को आदेश
उन्हें यह लिखित में बताना होगा कि केवाईसी दिशानिर्देशों/ नियमों का पालन किया गया है. पेंशन कोष नियामक ने कहा कि पीओपी और सीएआरए को ओटीपी आधारित जरूरी वेरिफिकेशन सेवाएं देने को कहा है. इससे अंशधारकों के लिये खाता खोलना आसान होगा और साथ ही योगदान राशि का जल्दी से भुगतान होने से रिटर्न भी अनुकूलतम होने की संभावना है.
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आपको बता दें कि पेंशन कोष नियामक पहले से ई-हस्ताक्षर के जरिये बिना किसी कागजी दस्तावेज के ऑनलाइन एनपीए खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध करा रहा है. इस योजना के तहत अकाउंट खोला जाता है, जिसमें सरकार के साथ ही कर्मचारी का भी कंट्रीब्यूशन होता है.