
साल 2008 में आई वैश्विक मंदी के दौर में जब दुनिया की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की चूलें हिल गई थीं, तमाम झंझावातों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से अपने पांव डिगाए रही थी. तब देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी. तब भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली जो वजहें थीं, अब पीएम मोदी ने मौजूदा दौर में भी ऐसी ही वजहों के सहारे आगे बढ़ने की अपील की है. लालकिले की प्राचीर से अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी ने मंत्र दिया है-लकी कल के लिए लोकल.
देश में राजनीतिक स्थिरता का फायदा मिलने का संकेत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जब राजनीतिक स्थिरता होती है तो दुनिया का भरोसा बनता है. आज दुनिया हमारे साथ व्यापार करने के लिए उत्सुक है. महंगाई को कंट्रोल करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले हैं. यह संतुलन काफी समय बाद बना है. हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. जीएसटी और आईबीसी जैसे सुधारों ने नया भरोसा पैदा किया है.'
यूपीए के दौर में ऐसे संभला था देश
गौरतलब है कि साल 2008 की मंदी में भारत के अपने बड़े बाजार, सरकारी खर्च, भारतीय कारोबारियों के निवेश, जनता के बचत, निवेश और भारी खपत की वजह से अर्थव्यवस्था टिकी रह पाई थी. भारत की विशाल जनसंख्या अपने आप में एक बड़ा बाजार है. मनरेगा जैसी यूपीए सरकार की योजनाओं के माध्यम से भारी सरकारी खर्च किया जा रहा था. इस खर्च की बदौलत देश की ग्रामीण-गरीब जनता के पास खर्च करने लायक अच्छी रकम बच पाती थी और इससे खपत को बढ़ावा मिलता था.
पीएम मोदी का मंत्र
अब अर्थव्यवस्था में संकट के नए दौर में भी पीएम मोदी ने देसी उत्पादन और देसी खपत बढ़ाने के मंत्र पर जोर दिया है. उन्होंने एक नारा दिया ‘लकी कल के लिए लोकल' यानी कल का भविष्य अगर बेहतर बनाना है तो हमें लोकल उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देना होगा.
पीएम मोदी ने कहा, 'आज दुनिया हमारे साथ व्यापार करने की इच्छा रखती है. हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए. हर जिले में एक खूबी है, जिसे दुनिया में प्रचारित करना चाहिए. हर जगह की अलग-अलग चीजें मशहूर हैं. हमारी विविधता से दुनिया को परिचित कराना होगा. दुनिया भारत को बाजार मानती है लेकिन अब हमें भी दुनिया के लिए तैयार रहना होगा. देश के उत्पाद को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाना जरूरी है. उत्पादन बढ़े, वैल्यू एडिशन हो, दुनिया का कोई देश ऐसा न हो जहां भारत की कोई न कोई चीज न पहुंचे और भारत के हर जिले से अपना निर्यात हो. हर जिले को एक्सपोर्ट हब बनाना चाहिए.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देसी प्रोडक्ट को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि हम सिर्फ बाजार न बनें, बल्कि दुनिया के बाजार में पहुंचें भी. देश के उत्पाद को दुनिया के बाजार तक पहुंचाना है. हमारी विविधता से दुनिया को परिचित कराना होगा.
इसी तरह जनता में खपत को बढ़ाने का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा, '130 करोड़ देशवासी अगर छोटी-छोटी चीजों को लेकर चल पड़ें तो 5 ट्रिलियन डॉलर कोई मुश्किल नहीं है. आने वाले 5 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी देश आसानी से बन सकता है.'
अब छलांग लगानी होगी
उन्होंने कहा कि अब हम सिर्फ इन्क्रीमेंटल प्रोग्रेस यानी क्रमिक विकास के लिए इंतजार नहीं कर सकते, अब छलांग लगानी होगी. भारत को ग्लोबल बेंचमार्क पर लाने के लिए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना होगा. 100 लाख करोड़ रुपये आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगाने का हमने निर्णय लिया है, जिससे रोजगार बढ़ेगा और लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी.
गौरतलब है कि हाल के महीनों में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई बुरी खबरें आई हैं. ऑटो, रियल एस्टेट सहित कई सेक्टर की बिक्री में गिरावट आ रही है. कारखाना उत्पादन, नौकरियों के सृजन में गिरावट है. अर्थव्यवस्था की यह गिरावट सभी सेक्टर में देखी जा रही है.