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आर्थि‍क संकट के दौर में पीएम मोदी को लालकिले से याद आए 'भामाशाह'

लालकिले से होने वाले प्रधानमंत्रियों के भाषणों में आमतौर पर बिजनेस और इंडस्ट्री के लोगों की बात कम ही होती है, लेकिन इस बार पीएम मोदी ने कारोबारियों को देश के विकास के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि इनको सम्मान की नजरों से देखने की जरूरत है.

लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन (फोटो: रॉयटर्स) लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन (फोटो: रॉयटर्स)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

देश में आर्थ‍िक संकट का दौर है. इकोनॉमी के लगभग सभी आंकड़े निराश करने वाले आ रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी को देश के 'भामाशाह' यानी कारोबार-उद्योग जगत के लोग याद आए हैं. पीएम मोदी ने कारोबारियों को 'वेल्थ क्रिएटर' बताया है. लालकिले से होने वाले प्रधानमंत्रियों के भाषणों में आमतौर पर बिजनेस और इंडस्ट्री के लोगों की बातें कम ही होती हैं, लेकिन इस बार पीएम मोदी ने कारोबारियों को देश के विकास के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि इनको सम्मान की नजरों से देखने की जरूरत है.

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पीएम मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से अपने भाषण में कहा, 'हमारी कंपनियां और हमारे उद्यमी दुनिया के बाजार में जाने का सपना देखें, हमारे निवेशक ज्यादा कमाएं, ज्यादा निवेश करें, ज्यादा रोजगार पैदा करें, हम इसको प्रोत्सा‍हित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.'

देश की सेवा कर रहे कारोबारी

पीएम मोदी ने कारोबारियों को वेल्थ क्रिएटर यानी संपदा का सृजन करने वाला बताते हुए कहा कि जो देश का वेल्थ क्रिएट करते हैं, वे देश की सेवा कर रहे हैं, हम उनको आशंका की नजरों से न देखें. देश में वेल्थ क्रिएट करने वालों का उतना ही मान-सम्मान होना चाहिए. वेल्थ क्रिएशन नहीं होगा तो गरीब आदमी की भलाई नहीं होगी. जो लोग वेल्थ क्रिएट करने में लगे हैं वे हमारे देश के लिए भी संपदा हैं.

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संकट को देखते हुए इस बात की संभावना तो थी कि पीएम मोदी लालकिले से अर्थव्यवस्था पर कुछ बोलेंगे. पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था के लिए कोई बड़ा ऐलान तो नहीं किया, लेकिन कारोबारियों के योगदान को यादकर देश निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया.

क्यों महत्वपूर्ण है पीएम की बात

असल में, पिछले कई वर्षों में विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी जैसे तमाम कारोबारियों के घोटाले और कई कारोबारियों के कर्ज डिफाल्ट की वजह से देश के कारोबारियों और उद्योगपतियों के बारे में जनता में एक नकारात्मक छवि बनने लगी थी. पीएम मोदी यह जानते हैं कि अर्थव्यवस्था में संकट के इस दौर में कारोबारियों का उत्साह बढ़ाने की जरूरत तो है ही, जनता में उनकी छवि भी सुधारने की जरूरत है.

नौकरियों के सृजन और अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ के लिए यह जरूरी है कि देश के कारोबारियों और उद्योगों को मजबूत किया जाए. पीएम मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. जानकारों के मुताबिक इसके लिए यह जरूरी है कि जीडीपी में सालाना बढ़त दर लगातार कई साल तक 9 फीसदी के आसपास रहे. इतनी तेज बढ़त कारोबार और उद्योग जगत में मजबूती और उनके सहयोग के बिना नहीं हो सकती.

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5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य पर पीएम मोदी ने कहा, '130 करोड़ देशवासी अगर छोटी-छोटी चीजों को लेकर चल पड़ें तो 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी कोई मुश्किल नहीं है. पांच साल के भीतर 2 से 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गए. 70 साल में जो न हुआ 5 साल में हो गया, तो आने वाले 5 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी देश आसानी से बन सकता है.'

उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक स्थिरता होती है तो दुनिया का भरोसा बनता है. आज व्यापार करने के लिए दुनिया हमारे साथ उत्सुक है. महंगाई को कंट्रोल करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले हैं. यह संतुलन काफी समय बाद बना है. हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. जीएसटी और आईबीसी जैसे सुधारों ने नया भरोसा पैदा किया है.

गौरतलब है कि हाल के महीनों में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई बुरी खबरें आई हैं. ऑटो, रियल एस्टेट सहित कई सेक्टर की बिक्री में गिरावट आ रही है. कारखाना उत्पादन, नौकरियों के सृजन में गिरावट है. अर्थव्यवस्था की यह गिरावट सभी सेक्टर में देखी जा रही है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने हाल में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी बढ़त के अनुमान को 7.1 से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है.

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