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मोदी ने मांगे थे 60 महीने, 40 महीनों के बाद कहां पहुंचा उपलब्धियों का ग्राफ

मोदी सरकार के कार्यकाल के 60 महीनों में अब 40 महीनों का वक्त बीत चुका है. वादों के मुताबिक 60 साल के कांग्रेस शाषन की खामियों को दूर करने के लिए उनके पास महज 20 महीनें बचे हैं. जानिए इन 40 महीनों में प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियों क्या कह रही हैं.

दिल्ली रामलीला मैदान में 19 जनवरी 2014 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नरेन्द्र मोदी दिल्ली रामलीला मैदान में 19 जनवरी 2014 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नरेन्द्र मोदी
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

आम चुनाव 2014 में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश से 60 महीनों का समय मांगा था. मोदी ने कहा था कि बीते 60 साल में जो काम कांग्रेस के शासक नहीं कर सकी है प्रधानमंत्री (प्रधान सेवक) बनने के बाद वह 60 महीनों के अपने कार्यकाल में उस काम को पूरा कर देंगे.

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नरेन्द्र मोदी ने यह दावा दिल्ली के रामलीला मैदान से 19 जनवरी 2014 को किया था. इस दावे के दौरान रामलीला मैदान पर बने मंच पर बीजेपी के सभी दिग्गज नेता मौजूद थे. यह दावा करते हुए पहली बार नरेन्द्र मोदी ने नए भारत की परिभाषा देते हुए कहा था कि वह एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं जहां सिर्फ और सिर्फ सच्चाई की जीत हो, अहिंसा प्रमुख धर्म हो, सभी धर्मों के साथ बराबरी का व्यवहार हो और महिलाओं का सम्मान हो. वहीं क्षेत्रीय राजनीति पर बोलते हुए मोदी ने कहा था कि केन्द्र में बीजेपी सरकार बनने के देश के संघीय ढ़ांचे को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय आकांक्षाओं का ध्यान रखा जाएगा.

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चुनाव के नतीजे मोदी के पक्ष में बैठे और वह पूर्ण बहुमत के साथ अबतक के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नियुक्त हुए. उनके कार्यकाल के 60 महीनों में अब 40 महीनों का वक्त बीत चुका है. वादों के मुताबिक 60 साल के कांग्रेस शाषन की खामियों को दूर करने के लिए उनके पास महज 20 महीनें बचे हैं. जानिए इन 40 महीनों में प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियों का ग्राफ:

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1. किसान और खेती पहली प्राथमिकता: खत्म करेंगे महंगाई का कारोबार

नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि केन्द्र में 60 साल की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में किसान और खेती का जायजा लेने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके चलते सरकार को यह भी नहीं पता रहता कि खेती के सीजन में कितनी फसल पैदावर रहेगी. इसके चलते सालभर देश में फसलों डिमांड-सप्लाई बिगड़ी रहती थी और देश पर हमेशा मंहगाई का साया मंडराता रहता था. लिहाजा 60 महीनों के दौरान बीजेपी सरकार ने वह किसान और खेती से जुड़े एक-एक आंकड़े को रियल टाइम आधार पर जानने की व्यवस्था खड़ी करेंगे. इस कदम से देश में पूरे साल किसी भी उत्पाद की कमी नहीं होने दी जाएगी. जरूरत पड़ने पर कम पड़ने वाले खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए समय से इंपोर्ट का सहारा लिया जाएगा. इसका सीधा फायदा किसान को पहुंचेगा और आम आदमी महंगाई की मार से बचे रहेंगे.

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2. ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम के लिए स्पेशल कोर्ट और किसानों के लिए नैशनल मार्केट

नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि वह अपने 60 महीनों के कार्यकाल के दौरान देश के सभी किसानों के लिए राष्ट्रीय स्टर पर एग्रीकल्चर मार्केट का गठन करेंगे. इस कदम से देश के किसानों को अपने उत्पाद सीधे मंडी में बेचने की सुविधा के साथ-साथ उत्पाद के लिए मार्केट रेट पर बिकवाली की सुविधा मिलेगी. इस मार्केट को सफल बनाने के लिए वह ब्लैकमार्केटिंग करने वालों पर लगाम कसने के लिए स्पेशल कोर्ट स्थापित करेंगे और जल्द से जल्द मुनाफाखोरों को सजा देने का काम किया जाएगा. मोदी ने कहा था कि इस कदम को कांग्रेस सरकार को उठाना चाहिए था लेकिन बिलौलियों की सरकार ने इसे 60 साल तक टालने का काम किया क्योंकि इस कदम से देश से कालाबाजारी पूरी तरह खत्म हो जाती और महंगाई कभी भी आम आदमी को परेशान नहीं करती.

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3. स्किल डेवलपमेंट सेंटर से पैदा करेंगे सबके लिए रोजगार

नरेन्द्र मोदी ने पूर्व कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लिहाजा अपने कार्यकाल के दौरान पर देश में स्किल डेवलपमेंट सेंटर का निर्माण करेंगे जिसका काम अर्थव्यवस्था में आवश्यकता के अनुसार युवाओं को तैयार किया जाएगा और उन्हें रोजगार दिया जाएगा. मोदी ने कहा कि देश में कोई ह्यूमन रिसोर्स के लिए कोई तैयारी नहीं की गई है. सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार यह खाका तैयार करेगी जिससे देश के युवाओं को उनकी जरूरत और काबीलियत के आधार पर नौकरी दी जा सकेगी. इस कदम को कांग्रेस टालती रही है और इसी कदम से देश दुनिया के ताकतवर देशों में शुमार हो सकता है.

4. विदेशों में पड़े कालेधन को वापस लाकर गरीबों के लिए किया जाएगा खर्च

नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के आदर्शों पर चलते हुए वह 60 वर्षों से विदेश में संचित किए जा रहे कालेधन के खिलाफ बड़ा कदम उठाएंगे. इस कालेधन को विदेश से वापस लाया जाएगा और इसके लिए जरूरी कानून तैयार किया जाएगा. मोदी ने कहा कि इस पैसे को वापस लाकर गरीबों के फायदे के लिए खर्च किया जाएगा.

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5. खास्ताहाल रेल नेटवर्क होगा मॉडर्न, दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

नरेन्द्र मोदी ने दावा किया था कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने बदलते समय के साथ भारतीय रेल को मॉडर्न बनाने की कोशिश नहीं की. लिहाजा अपने कार्यकाल के दौरान वह देशभर में आईआईटी की तर्ज पर रेलवे युनिवर्सिटी का गठन करते हुए मैनपॉवर तैयार करेंगे जिससे भारत की रेल को दुनिया की आधुनिकतम रेल में बदला जा सके. इसके साथ की नोदी ने कहा था कि वह जापान और चीन की तर्ज पर चलते हुए देश को बुलेट ट्रेन से लैस करेंगे और यह बुलेट ट्रेन 2022 तक दौड़ने लगेगी. इस उपलब्धि के बाद पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदल जाएगा. वहीं भारतीय रेल को मॉडर्न करते ही देश में विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाएगी.

6. 100 स्मार्ट सिटी और ट्विन सिटी

कांग्रेस के 60 साल के कार्यकाल के दौरान शहरीकरण सबसे बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो गई है. जबकि वैश्विकरण के इस दौर में बड़े और विकसित शहर की अर्थव्यवस्था की धम्नियां हैं. लिहाजा बीजेपी सरकार बनने के बाद वह देश में 10 स्मार्ट सिटी बनाएंगे. ये शहर स्मार्ट इसलिए होंगे कि यहां लोग पैदल चलकर ऑफिस और फैक्ट्री जा सकें, स्वास्थ सुविधाएं सभी के लिए एक स्तर की हों, खेलकूद के अंतरराष्ट्रीय स्तर के संसाधन सभी शहरों की पहुंच में हो. इसके साथ ही सरकार की कोशिश ट्विन सिटी विकसित करने की होगी जहां पुराने शहरों को नए स्मार्ट सिटी से जोड़कर दोनों को मॉडर्न सुविधाओं से जोड़ा जा सके.

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7. सभी राज्य में IIT और AIIMS

मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में देश की स्वास्थ सुविधाएं खस्ताहाल हैं. पूर्व में सरकारों ने महज राजधानी और चुने हुए शहरों को स्वास्थ सुविधा के केन्द्र मे रखा. इसके चलते देश में स्वास्थ सुविधा बेहद महंगी और आम आदमी की पहुंच से बाहर चली गई. वही हाल देश में उच्च शिक्षा और तकनीकि शिक्षा के छेत्र में देखने को मिली है. लिहाजा बीजेपी सरकार बनने के बाद वह देश के सभी राज्य में IIT और AIIMS का निर्माण करेंगे जिससे आम आदमी तक उत्कृष्ठ सेवा पहुंचे और युवाओं को उच्च तकनीकि शिक्षा के लिए अपने राज्य को छोड़कर बाहर न जाना पड़े.

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