Advertisement

15 अगस्त से लें टैक्स भरने का संकल्प, पढ़ें पीएम के संबोधन की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गुरुवार को एक नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई. जो देश में टैक्स सिस्टम को आसान बनाएगा और तकनीक योग्य बनाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

  • ईमानदार टैक्सपेयर्स को सरकार का तोहफा
  • नए टेक्स प्लेटफॉर्म में मिलेंगी कई सुविधा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के टैक्स सिस्टम में सुधार के लिए एक नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म के तहत तकनीक की सहायता से टैक्स देने वाले लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही टैक्स देने में आसानी भी होगी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में लिए गए कुछ फैसलों को बताया, साथ ही इस प्लेटफॉर्म की खासियत भी समझाई.

Advertisement

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस नए प्लेटफॉर्म के बारे में क्या कहा, समझें...

- देश में जारी रिफॉर्म के सिलसिले में आज नया अध्याय जुड़ा. Transparent Taxation-Honouring The Honest न्यू इंडिया के सिस्टम की शुरुआत है, जिससे आम लोगों को सहायता मिलेगी.

क्या है टैक्सपेयर चार्टर, जिसे PM मोदी ने विकास यात्रा में बड़ा कदम बताया है

- इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं. Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू हो गए, जबकि Faceless Appeal 25 सितंबर से लागू होगा. ईमानदार टैक्सपेयर्स की वजह से ही देश में विकास की गति आगे बढ़ती है और देश के साथ उनका भी विकास होता है.

- आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, Minimum Government, Maximum Governance के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं. ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.

Advertisement

- अब हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को प्रोसेस और पॉवर सेंट्रिक अप्रोच से बाहर निकालकर उसको People Centric और Public Friendly बनाने पर बल दिया जा रहा है. ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं.

टैक्स सिस्टम में सुधार, आयकर दाताओं को मिले 3 बड़े अधिकार, PM मोदी ने किया ऐलान

- पहले 10 लाख का मामला भी अदालत में चला जाता था, लेकिन अब HC-SC में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है. अब फोकस अदालत से बाहर ही मामलों को सुलझाने पर है.

- इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है, इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं.

- जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं और 15 अगस्त के दिन से ये संकल्प लें. विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement