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PMC बैंक में घोटाला नहीं लूट! HDIL के अधिकारियों के एकाउंट में 2000 करोड़ ट्रांसफर

मुंबई पुलिस की जांच से अब यह खुलासा हुआ है कि पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने खस्ताहाल कंपनी HDIL के शीर्ष अधिकारियों के व्यक्तिगत खातों में सीधे 2000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. 

पीएमसी बैंक घोटाले की खुल रही हैं परतें पीएमसी बैंक घोटाले की खुल रही हैं परतें
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:22 PM IST

  • PMC बैंक घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं
  • एचडीआईएल के शीर्ष लोगों के निजी खातों में गई रकम
  • बैंक अध‍ि‍कारियों ने 2000 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर किए

अब यह साफ होता जा रहा है कि पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC)  बैंक का केस एक बड़ा घोटाला है और इसमें हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मुंबई पुलिस की जांच से अब यह खुलासा हुआ है कि पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने खस्ताहाल कंपनी HDIL के शीर्ष अधिकारियों के व्यक्तिगत खातों में सीधे 2000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. यह रकम एचडीआईएल को लोन के नाम पर मंजूर की गई थी.

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नियम के मुताबिक यह रकम कंपनी के खातों में जानी चाहिए, लेकिन इसे सीधे शीर्ष अधिकारियों के खातों में भेज दिया गया. मुंबई पुलिस की आर्थ‍िक अपराध शाखा (EOW) ने पीएमसी मामले में ही गुरुवार को एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश कुमार वाधवान और सारंग वाधवान को गिरफ्तार किया है.

EOW ने इन दोनों प्रमोटर की 3,500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त भी की है. राकेश वाधवान एचडीआईएल के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सारंग कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. दोनों से EOW की स्पेशल इनवेस्ट‍िंग टीम पूछताछ के लिए गई थी, लेकिन जब दोनों ने सहयोग नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

भ्रष्टाचार का खुला खेल

मुंबई पुलिस ने पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन वरियाम सिंह और अब निलंबित हो चुके मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया है. अभी तक हासिल जानकारी के अनुसार, खस्ताहाल रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल की मदद के लिए पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 44 गुप्त खाते खोल रखे थे. एचडीआईएल को जो लोन दिए गए वे बाद में गैर निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में बदल गए और बैंक के हजारों करोड़ रुपये फंस गए.  

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ये खाते गोपनीय तरीके से खोले गए थे और रिजर्व बैंक के ऑडिट में इन्हें शामिल नहीं किया गया. इन्हें पासवर्ड के द्वारा छुपाया गया था. एमडी जॉय थॉमस ने रिजर्व बैंक को लिखे लेटर में यह स्वीकार किया था कि बैंक ने दिवालिया हो चुकी रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल के फंसे कर्जों के बारे में जानकारी उससे छिपाई है. उन्होंने यह स्वीकार किया था कि एचडीआईएल को दिया गया लोन 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है, जो बैंक के कुल एसेट 8,880 करोड़ रुपये के 73 फीसदी तक है यानी तय नियामक सीमा से करीब चार गुना ज्यादा.

अध‍िकारियों पर शि‍कंजा

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया, 'बैंक ने जो कुछ किया वह जानबूझकर है और ऐसे नियम खिलाफ काम किए जिससे कर्जधारक को फायदा हुआ. पीएमसी कर्मचारियों ने सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ किया और 44 ऐसे खाते खोले जो उनके सिस्टम में नहीं दिखते. इसके बारे में एसआईटी के अधि

कारी कई कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं.  

गौरतलब है कि कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल अब इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्शी कोड (IBC) के तहत इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग का सामना कर रही है. कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के विफल हो जाने के बाद कंपनी गंभीर रूप से नकदी संकट का सामना कर रही है.

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क्या है मामला?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्‍शन 35ए के तहत की है.

अब बैंक में कोई नया फिक्‍स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल सकेगा. इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.

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