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PNB महाघोटाले में अब सरकारी एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है. लगातार मामले में कई खुलासे हो रहे हैं. सीबीआई, ईडी और सीवीसी जैसी बड़ी एजेंसियां नीरव मोदी के ठिकानों पर लगातार छापेमारी भी कर रही हैं. सीबीआई की शुरुआती जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं.
- इस मामले में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उन्होंने सीबीआई को बताया है कि उन्हें हर LoU के लिए कुछ निश्चित प्रतिशत राशि मिलती थी. ये राशि LoU की राशि के आधार पर तय होता था.
- ये राशि पीएनबी में सभी कर्मचारियों में बराबर हिस्से में बांटी जाती थी, जो भी इस प्रक्रिया में शामिल होते थे.
- सीबीआई को उन सभी लोगों के नाम दे दिए गए हैं, जिनसे उन्हें पूछताछ करनी है.
- सीबीआई ने बैंक अधिकारियों से उन सभी बैंक ब्रांच के बारे में भी पूछा जहां पर लगातार रेड मारी जा रही है.
- बैंक अधिकारियों ने सीबीआई को बताया कि स्विफ्ट प्रोसेस का इस्तेमाल कई अधिकारियों के द्वारा किया जाता था, जिसमें गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल था. शेट्टी ने कई पासवर्ड के जरिए फ्रॉड को अंजाम देने में मदद की.
- पूछताछ में सामने आया है कि इस फ्रॉड स्कैम में ना सिर्फ पीएनबी के अधिकारी बल्कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे.
नीरव के भाई ने दी बैंक अधिकारियों को धमकी
वहीं पीएनबी के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान ईडी को बताया कि सीबीआई से शिकायत करने से पहले उन्होंने नीरव मोदी के भाई इस बारे में बात की थी. उन्हें ब्रांच दफ्तर में बुलाया गया था.
पहले तो नीरव के भाई ने पैसा लौटाने से मना किया और कहा कि उनके पास अभी पैसा नहीं है. जब बैंक अधिकारियों ने पैसा लौटाना जरूरी बताया तो नीरव मोदी ने धमकाते हुए कहा कि बैंक जो भी कर सकता है कर ले. इसके अगले ही दिन बैंक ने सीबीआई को शिकायत कर दी थी, लेकिन सीबीआई कोई भी एक्शन करे उससे पहले ही नीरव मोदी अपने परिवार और साथियों के साथ देश छोड़ चुके थे.
पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने सीबीआई को पूछताछ में बताया कि उन्होंने इस घोटाले को अंजाम देने में मदद की. शेट्टी ने बताया कि ना सिर्फ उन्होंने लेवल 5 के पासवर्ड को अपने पास रखा बल्कि उन्हें नीरव मोदी की कंपनी के डॉयरेक्टर के साथ भी शेयर किया.
आपको बता दें कि लेवल 5 में ब्रेडी हाउस ब्रांच के टॉप मैनेजमेंट शामिल होता है, जिसे ये पासवर्ड दिया जाता है. ये पासवर्ड स्विफ्ट सॉफ्टवेयर के लिए था, जिससे आसानी से LoU को पास किया जा सकता था. (तस्वीर - गोकुलनाथ शेट्टी)
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रची थी बड़ी साजिश!
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला मामले में आरोपी अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने शेयर बाजार के जरिए जनता को भी लूटने की बड़ी साजिश रची थी. दोनों मिलकर 11,400 करोड़ रुपये से भी कई गुना ज्यादा बड़े घोटाले को अंजाम देने की फिराक में थे. अगर समय रहते इस 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश नहीं हुआ होता, तो नीरव मोदी और मेहुल चोकसी इससे भी कई गुना ज्यादा रकम की लूट को अंजाम देते.
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शेयर मार्केट में एंट्री की थी तैयारी
दोनों जनता से फंड जुटाने के लिए शेयर बाजार का सहारा लेने वाले थे. नीरव मोदी की फायरस्टार डायमंड्स और गीतांजलि जेम्स की एक सहयोगी कंपनी के लिए IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर लाने की तैयारी थी. पिछले साल नीरव मोदी ने फायरस्टार डायमंड्स के IPO के लिए बैंकर्स को अपॉइंट किया था और गीतांजलि जेम्स के नक्षत्र वर्ल्ड को IPO के लिए पिछले साल नवंबर में पूंजी बाजार नियामक सेबी से हरी झंडी मिल गई थी.