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RBI के गवर्नर रघुराम राजन ने GDP फॉर्मूले पर उठाए सवाल

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को भारत में GDP ग्रोथ के फॉर्मूले पर विश्वास नहीं है. उन्होंने ग्रोथ की बात करते समय कहा कि इसके हिसाब-किताब के समय हमें सावधानी बरतने की जरूरत है.

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन
स्वाति गुप्ता/BHASHA
  • मुंबई,
  • 29 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने जीडीपी ग्रोथ का हिसाब लगाने के नए तौर-तरीकों पर शंका जताते हुए कहा कि आंकड़ों का बेहतर हिसाब-किताब किया जाना जरूरी है क्योंकि इससे किसी चीजों के छूट जाने की स्थिति से बचा जा सकेगा और अर्थव्यवस्था को होने वाले मुनाफे का पता चल सकेगा.

हिसाब-किताब में सावधानी बरतने की जरूरत
राजन ने इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों से दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि हम जीडीपी की गणना जिस तरह से कर रहे हैं उसमें दिक्कतें हैं यही कारण है कि ग्रोथ की बात करते समय हमें कभी-कभी सावधानी बरतने की जरूरत है.

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अलग अलग क्षेत्रों में जाने से भी ग्रोथ
एक दूसरे के बच्चों की बेबी सिटिंग करने वाली दो मां का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हर कोई दूसरे को भुगतान कर रहा है इसलिए आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी है लेकिन अर्थव्यवस्था पर इसके शुद्ध प्रभाव को लेकर सवाल हैं. उन्होंने कहा, हम जीडीपी की गणना कैसे करते हैं इसको लेकर हमें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि कई बार लोगों के अलग अलग क्षेत्रों में जाने से भी ग्रोथ मिलती है.

कई विश्लेषकों ने जीडीपी गणना पर उठाए सवाल
यह महत्वपूर्ण है कि जब लोग किसी नए क्षेत्र में जा रहे हों तो ऐसा कुछ करें जिससे वैल्यू एडिशन हो. हम कुछ खोते हैं, कुछ पाते हैं और आखिरी में क्या हासिल करते हैं, इसकी गणना करते समय सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि जीडीपी की बेहतर गणना के संबंध में विभिन्न सुझाव मिले हैं और हमें उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए. उल्लेखनीय है कि अनेक विश्लेषकों ने जीडीपी गणना की नई प्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

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