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नोटबंदी: मोदी सरकार को झटका, रेटिंग एजेंसी फिच का GDP ग्रोथ कम रहने का अनुमान

एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के फैसले के कारण उपजे नकदी संकट का असर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा. गौरतलब है कि सरकार के फैसले के बाद 86 प्रतिशत करेंसी चलन से एक दम बाहर हो गई.

फिच ने घटाई अनुमान वृद्धि दर फिच ने घटाई अनुमान वृद्धि दर
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST

प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच ने नोटबंदी को ध्यान में रखते मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का नया अनुमान व्यक्त किया है वहीं पहले यह अनुमान 7.4% का था. फर्म ने कहा कि नोटबंदी के कारण देश की आर्थिक गतिविधियों में मामूली व्यवधान आ सकता है.

एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के फैसले के कारण उपजे नकदी संकट का असर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा. गौरतलब है कि सरकार के फैसले के बाद 86 प्रतिशत करेंसी चलन से एक दम बाहर हो गई.

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2017-18 में विकास दर 7.7

एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट 'वैश्विक आर्थिक परिदृश्य नवंबर' में कहा कि RBI द्वारा बड़ी राशि के नोटों को बंद करने से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान को देखते हुए अनुमान दर को घटाया गया है, एजेंसी ने 2017-18 के लिए विकास दर 7.7 और 2018-19 के लिए 8 प्रतिशत रखी है. रिपोर्ट अनुसार ढांचागत सुधार के कारण कार्यान्वयन से उच्च वृद्धि में योगदान की उम्मीद है, खर्च करने योग्य आय और सरकारी कर्मचारियों की आय में बढ़ोतरी से भी इस रिपोर्ट को बल मिलेगा.

नोटबंदी के फैसले पर रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों के पास खरीददारी करने के पैसे नहीं है, आपूर्ति श्रृंख्ला के बाधित होने व किसानों को खाद बीज खरीदने में दिक्कतों की खबरें लगातार आ रही है. इसमें कहा गया है कि नोटबंदी एक ही बार की जा सकती है लेकिन असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अपनी संपत्ति को छुपाने के लिए नए नोट व अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर सकेंगे.

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