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आसान होगा पेंशन निकालना, पासबुक में दर्ज होगा पीपीओ नंबर

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक शाखाओं से कहा है कि वे पेंशन भुगतान आदेश पीपीओ नंबर को पेंशनभोगी की पासबुक में रिकार्ड करें ताकि पीपीओ गुम होने की स्थिति में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. केंद्रीय बैंक ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है.

आरबीआई ने बैंकों से पेशनरों के पास-बुक पर पेंशन भुगतान आदेश संख्या डालने को कहा आरबीआई ने बैंकों से पेशनरों के पास-बुक पर पेंशन भुगतान आदेश संख्या डालने को कहा
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक शाखाओं से कहा है कि वे पेंशन भुगतान आदेश पीपीओ नंबर को पेंशनभोगी की पासबुक में रिकार्ड करें ताकि पीपीओ गुम होने की स्थिति में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. केंद्रीय बैंक ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है.

 

वित्त मंत्रालय के केंद्रीय पेंशन एकाउंटिंग आफिस ने सितंबर 2014 में परिपत्र जारी कर केंद्रीयकृत पेंशन प्रक्रिया केंद्रों सीपीपीसी तथा सरकारी काम देखने वाले विभागों को निर्देश दिया था कि अपनी बैंक शाखाओं से कहें कि वे पेंशनभोगियों की पासबुक में पीपीओ नंबर दर्ज करें.

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसने यह पहल पेंशनभोगियों व उनके परिवारजनों को पीपीओ की प्रति हासिल करने में हो रही दिक्कतों को टालने के लिए की गई है.

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जानें पेंशन से जुड़ी प्रमुख बातें:
1. किसी पेंशनधारक अथवा सरकारी कर्मचारी के गुमशुदा होने की स्थिति में उसके परिजनों को पेंशन का भुगतान FIR लिखे जाने के 6 महीने बाद किया जा सकता है.

2. तलाक के बाद पत्नी अथवा पति को मृत सरकारी कर्मचारी के पेंशन का भुगतान तब तक किया जा सकता है जब तक वह जीवित है अथवा दूसरी शादी कर लेता या लेती है. दोनों स्थिति में बच्चों को पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा.

3. पेंशन नियमों को मुताबिक अब डिपेंडेंट माता/पिता, विधवा अथवा तलाकशुदा अथवा अविवाहित बेटियों को भी परिवार की परिभाषा में शामिल किया गया है और उन्हें फैमिली पेंशन दी जा सकती है.

 

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