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आरबीआई गवर्नर आज करेंगे क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान

पिछली तीन नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है. पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है.

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मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली की मौद्रिक नीति समिति ( एमपीसी) आज ब्याज दरों पर फैसला सुना सकती है. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के मद्देनजर एमपीसी द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी कम है.

पिछली तीन नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है. पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है.

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छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि सरकार ने जोर देकर कहा है कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा. अंशधारकों की निगाह एमपीसी की बैठक पर है. खुदरा मुद्रास्फीति में कमी और वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है.

स्काईमेट ने मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया है. इससे कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है जिससे कीमतों पर दबाव कम होगा.

हाल ही में बढ़ा है डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन

आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10,02,607 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 18 फीसदी अधिक है.

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जेटली ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से अर्थव्यवस्था को उच्चस्तर का नियमनिष्ठ (फॉरमलाइजेशन) बनाया है, जिससे प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ा है और आयकर रिटर्न फाइलिंग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है.

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