
कोरोना संकट काल के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे आने वाले हैं. ऐसी उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक बैठक के नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा. इस बार रेपो रेट कटौती को लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
कुछ विशेषज्ञों कहना है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कटौती से बच सकता है लेकिन कोरोनो वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की जरूरत के बीच कर्ज पुनर्गठन जैसे अन्य उपायों की घोषणा कर सकता है. वहीं, कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है.
मोरेटोरियम पर भी विचार
इसके अलावा केंद्रीय बैंक कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत यानी मोरेटोरियम के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी कर सकता है. इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है. बैंक अधिकारी इसके दुरूपयोग की आशंका को लेकर इसकी मियाद बढ़ाये जाने का विरोध कर रहे हैं.
कोविड संकट में मिल चुकी है राहत
आपको बता दें कि कोविड-19 संकट के बीच एमपीसी की बैठक समय से पहले दो बार हो चुकी है. पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में दूसरी बैठक हुई. एमपीसी ने दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में कुल मिला कर 1.15 प्रतिशत की कटौती की. इससे आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये कुल मिलाकर नीतिगत दर में फरवरी, 2019 के बाद 2.50 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है.
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केंद्रीय बैंक महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से अर्थव्यवस्था को नुकसान कम करने के लिये सक्रियता से कदम उठाता रहा है.
बैंकों ने भी ग्राहकों तक पहुंचाया फायदा
एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने नये कर्ज पर ब्याज दर में प्रतिशत 0.72 अंक की कटौती की है. यह बताता है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती के जरिये तेजी से दिया गया. एसबीआई ने रेपो से संबद्ध खुदरा कर्ज पर ब्याज में 1.15 अंक की कटौती की है.