
कोरोना वायरस की वजह से देश में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है तो वहीं इकोनॉमी भी पस्त नजर आ रही है. इस बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ा बयान दिया है.
100 साल का सबसे बड़ा संकट
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ''कोरोना वायरस पिछले 100 सालों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है. इस वायरस की वजह से उत्पादन और नौकरियों पर निगेटिव प्रभाव पड़ा है. इसने दुनिया भर में मौजूदा व्यवस्था, श्रम और कैपिटल के मूवमेंट को सुस्त किया है.''
इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत दिखने लगे हैं. लॉकडाउन के तहत लागू विभिन्न प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद गतिविधियां बढ़ी हैं.
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हालांकि, उन्होंने कहा कि यह अभी अनिश्चित है कि आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से कब शुरू होगी. शक्तिकांत दास ने कहा कि मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा और यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर कितने लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है, यह देखने की बात है.
विकास पहली प्राथमिकता
शक्तिकांत दास के मुताबिक, रिजर्व बैंक के लिए विकास पहली प्राथमिकता है लेकिन इसके साथ ही वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य विशेष से संबंधित और व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी.
शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक, वित्तीय, नियामकीय और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में जो भी उपाय किये गए हैं उनसे निकट भविष्य में कम से कम रुकावटों के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने में जरूरी परिस्थितियां बनाने में मदद मिलेगी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस समय की जरूरत विश्वास बहाल करने, वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने, आर्थिक वृद्धि को फिर से पाने और मजबूती के साथ आगे बढ़ने की है.