Advertisement

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया.

पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 13 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

  • पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा हुआ
  • 29 मई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर पर था

कोरोना संकट काल में भारत को विदेशी मुद्रा भंडार मोर्चे पर लगातार अच्‍छी खबरें मिल रही हैं. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया है.

Advertisement

क्‍या कहते हैं आंकड़े?

आंकड़ों के मुताबिक पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और इस वजह से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है. इससे पिछले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 463.48 अरब डॉलर हो गया था. अगर दूसरे देशों से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना करें तो चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

क्‍यों आ रही है तेजी?

विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने की कई वजह हैं. सबसे बड़ी वजह कच्‍चे तेल के डिमांड में कमी है. दरअसल, भारत में बीते मार्च महीने से लागू लॉकडाउन की वजह से ईंधन की डिमांड कम हो गई थी. इसके अलावा, कच्‍चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट ने भी विदेशी मुद्रा भंडार को सपोर्ट किया है. आसान भाषा में समझें तो कच्‍चे तेल की सस्‍ती और कम खरीदारी हुई है. इस वजह से सरकार को कम डॉलर भुगतान करने पड़े हैं.

Advertisement

ये पढ़ें-कोरोना काल में भी विदेशी मुद्रा भंडार में क्‍यों हो रहा इजाफा?

जाहिर सी बात है कि कम डॉलर भुगतान की वजह से बचत हुई है और विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हो गया है. इसके अलावा पिछले तीन-चार महीनों में विदेशी कंपनियों का भारतीय बाजार में निवेश बढ़ा है. वहीं, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर पूंजी का प्रवाह शुरू कर दिया है.

आनंद महिंद्रा को याद आया 90 का दौर

देश के उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रहे इजाफे पर खुशी जाहिर की है. इसके साथ ही 90 के दशक को याद किया है. एक खबर को शेयर करते हुए महिंद्रा ने ट्वीट किया , '30 साल पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग शून्य हो गया था. अब हमारे पास तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक भंडार है. इस माहौल में ये खबर मनोबल बढ़ाने वाली है. अपने देश की क्षमता को मत भूलें और आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर वापस आने के लिए इसका सही से इस्‍तेमाल करें.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement