
कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच सोमवार से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक शुरू हो गई है. यह बैठक तीन दिन तक चलेगी. 6 जून को ही पता चल पाएगा कि इस बार आम आदमी के लिए बैंक से लोन लेना सस्ता हो गा या नहीं.
यह पहली बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक तीन दिन चलेगी. इस बैठक में रेपो रेट में कटौती या बढ़ोतरी का फैसला लेते हुए सदस्य कई मुद्दों पर विचार करेंगे.
इसमें कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, डॉलर के मुकाबले गिरता रुपया और हाल ही में आए जीडीपी के बेहतर अनुमान का असर साफ दिखेगा. मौद्रिक नीति समिति के 6 सदस्य आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में यह बैठक करेंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक इस बैठक में कर्ज सस्ता कर सकता है. कुछ रिपोर्ट्स में ऐसी उम्मीद जताई जा रही है. इस उम्मीद को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि जीडीपी को लेकर बेहतर अनुमान सामने आए हैं. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट शुरू हो गई है. साथ रुपया भी डॉलर के मुकाबले संभलना शुरू हो गया है.
इससे पहले अप्रैल महीने में भी भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इस दौरान आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव न करते हुए इन्हें 6.0 फीसदी पर ही रखा.