
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आम लोगों को एक बार फिर से बड़ी राहत मिल सकती है. दरअसल, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 दिन की बैठक तीन जून यानी आज से शुरू होगी.
आरबीआई गवर्नर इस बैठक के नतीजों के बारे में गुरुवार को मीडिया से बात करेंगे. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मौद्रिक समीक्षा होगी. पिछली दो बैठकों में भी एमपीसी नीतिगत दरों में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती कर चुकी है. आरबीआई की बैठक में 0.25 फीसदी रेपो रेट की कटौती हो सकती है.
अगर केंद्रीय बैंक ऐसा करता है तो यह लगातार तीसरा मौका होगा, जब ब्याज दर के मोर्चे पर आम लोगों को राहत मिलेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5 साल के निचले स्तर पर आ गई है, जिसके मद्देनजर रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बढ़ी है. बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी हालिया शोध रिपोर्ट में कहा था कि रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में अधिक बड़ी कटौती करनी होगी, 0.25 फीसदी से अधिक, जिससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती को रोका जा सके.
क्या कहते हैं जानकार
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के मुताबिक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती को जारी रखना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता सामान खंड में उत्पादन और बिक्री में कमी को दूर करने की जरूरत है. यात्री कारों, दोपहिया और गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र में बिक्री में वृद्धि की जरूरत है.’’
कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शान्ति एकाम्बरम ने कहा कि रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में कटौती की दृष्टि से वृहद वातावरण अनुकूल है. हालांकि वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ब्याज दरों में कटौती पर कुछ नहीं कहा.उन्होंने यह जरूर कहा कि फरवरी से ब्याज दरों में 2 बार कटौती की जा चुकी है. गर्ग ने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति में कमी और आर्थिक वृद्धि नरम पड़ने पर गौर करते हुए फैसला करेगी.