
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने नेत्रहीन लोगों को नोटों की पहचान में मदद करने के लिए एक मोबाइल ऐप लाने का प्रस्ताव तैयार किया है. जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक ने मोबाइल ऐप बनाने के लिये तकनीकी कंपनियों से बोलियां मंगाई है.
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि मोबाइल ऐप महात्मा गांधी सीरीज और महात्मा गांधी (नई) सीरीज के वैध नोटों को मोबाइल कैमरा के सामने रखने या सामने से गुजारने पर पहचानने में सक्षम होना चाहिए. इसके अलावा यह मोबाइल ऐप किसी भी ऐप स्टोर में वॉयस के जरिये खोजे जाने लायक होना चाहिए.
रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐप को दो सेकेंड में नोट की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए. इसके साथ ही यह बिना इंटरनेट के भी काम करने वाला होना चाहिए. आरबीआई का कहना है कि ऐप बहुभाषी होने के साथ आवाज के साथ नोटिफिकेशन देने योग्य होना चाहिए. कम से कम ऐप हिंदी और अंग्रेजी में होना ही चाहिए. बता दें कि देश में 80 लाख लोग हैं जो या तो नेत्रहीन हैं या फिर उन्हें देखने में कठिनाई होती है. रिजर्व बैंक के इस कदम से ऐसे लोगों को मदद मिलेगी.
अभी देश में 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट प्रचलन में हैं. इनके अलावा भारत सरकार एक रुपये के नोट भी जारी करती है. नोटों की पहचान करने में नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए ‘इंटाग्लियो प्रिंटिंग’ यानी उभरे रूप से छपाई में 100 रुपये और इससे बड़ी राशि के नोट ही उपलब्ध है.
नकली नोट की पहचान को भी ऐप
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आरबीआई नकली नोट की पहचान के लिए भी ऐप लॉन्च करने वाला है. वित्त मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि नकली नोट की पहचान के लिए ऐप बनाने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एक बार ऐप तैयार होने के बाद कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन के जरिए ऐप की मदद से नकली नोटों की पहचान कर सकेगा.