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नोटबंदी के बाद आपके घर में है शादी...जानें क्‍यूं आसान नहीं बैंकों से पैसे निकालना

इन निर्देशों के बाद आपका बैंक आपके घर में पड़ी शादी के लिए ब्यूरो की भूमिका अदा करने जा रहा है. एक अहम बात भूलिएगा नहीं. निकासी फॉर्म के साथ संलग्न शादी के कार्ड पर बैंक का नाम जरूर लिख निमंत्रण दे दीजिएगा...

शादी के लिए पैसे निकालना इतना आसान नहीं शादी के लिए पैसे निकालना इतना आसान नहीं
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

नोटबंदी के असर से देश में शादी-ब्याह का काम लगभग नामुमकिन हो गया है. शादी के लिए ज्वैलरी, कपड़ों और गिफ्ट आइटम के साथ-साथ मैरिज हाल, केटरिंग, मेहमानों के लिए होटल बुकिंग और हनीमून जैसी सभी तैयारियों के लिए पैसों की सख्त जरूरत पड़ती है. इन सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने एक तरफ उन सभी परिवारों को 2.5 लाख रुपये एक मुस्त बैंक से निकालने की सौगात दी है. लेकिन इस पैसे की निकासी के लिए बैंकों को इतने सख्त निर्दश जारी किए हैं कि आपका बैंक एक मैरिज ब्यूरो की तर्ज पर काम करेगा. बैंक के ग्राहकों को इस मद से पैसे निकालने के ऐवज में ऊपर दिए सभी तैयारी के दस्तावेज जमा कराने होंगे.

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शादी का कार्ड

रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक घर में पड़ी शादी के लिए यदि आपको पैसे निकालने हैं तो बैंक के निकासी फॉर्म के साथ शादी का कार्ड सबसे ऊपर लगाना है. बैंक को निर्देश दिया गया है कि निकासी फॉर्म के साथ लगे कार्ड में यह सुनिश्चित करे कि शादी की डेट 30 दिसंबर से पहले की है. 31 दिसंबर, 1 जनवरी और उसके उपरांत होने वाली शादियों के लिए बैंक आपके निकासी फॉर्म को रिजेक्ट कर देगा.

मैरिज हॉल और केटरिंग सेवा की बुकिंग रसीद

बैंक के निकासी फॉर्म में कार्ड के बाद आपको 2.5 लाख रुपये की जरूरत को दर्शाने के लिए मैरिज हॉल और केटरिंग सेवा के लिए की गई बुकिंग की रसीद लगानी होगी. इस बुकिंग की रसीद में एडवांस पेमेंट के साथ-साथ शादी संपन्न करने के लिए कुल खर्च का ब्यौरा रहेगा. किसी तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बैंक के अधिकारी इन रसीदों की बारीकी से जांच करेंगे और संभव यह भी है कि इसे क्रॉस वेरिफाई करने के लिए रसीद जारी करने वाले मैरिज हॉल और केटरिंग सेवा से संपर्क किया जाए. क्योंकि ऐसा नहीं किया गया तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होगी कि बैंक से निकाला गया 2.5 लाख रुपया वाकई किसी शादी के खर्च के लिए जा रहा है.

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बैंकों को सभी रिकॉर्ड रखने के सख्त निर्देश

रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि इस प्रकार की निकासी के लिये जमा कराए गए पूरे रिकार्ड अपने पास रखें. इसके साथ ही बैंक के ग्राहकों को उन लोगों की सूची भी सौंपनी होगी जिन्हें उस राशि से भुगतान किया गया है. नोटबंदी के निर्णय के बाद बैंकों में नकदी की कमी को देखते हुए निकासी पर ये पाबंदी लगाई गई है. रिजर्व बैंक के मुताबिक शादी के लिए रकम की निकासी माता-पिता या वह व्यक्ति कर सकता है जिसकी शादी होनी है. इसके अलावा शादी में जिन लोगों को सेवाओं के लिए कैश पेमेंट किया जाएगा उनका एक घोषणापत्र भी संलग्न करना होगा कि कैश लेने वाले लोगों के पास कोई बैंक अकाउंट नहीं है.


क्या आपका बैंक बन गया ब्यूरो?

इन प्रावधानों के साथ रिजर्व बैंक की कोशिश रहेगी कि परिवारों को नकद के बिना एनईएफटी, आरटीजीएस, चैक, ड्राफ्ट या डेबिट कार्ड जैसे अन्य साधनों से शादी के तमाम मदों का भुगतान करने के लिए प्रेरित किया जाए. अब इन निर्देशों को देखकर क्या आपको महसूस नहीं हो रहा कि आपके घर में पड़ी शादी में आपके बैंक की भूमिका कितनी अहम हो चुकी है. बैंक से अपने 2.5 लाख रुपये निकालने की एवज में आपको शादी के पाई-पाई का खर्च देना होगा. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बैंक आपको लगातार संदेह की नजर से ही देखेगा और जरूरत पड़ने पर जांच-पड़ताल कर किसी तरह के फर्जीवाड़े को उजागर करने में भी वह कोई कसर नहीं छोड़गा. लिहाजा, इत्मिनान रखिए. इन निर्देशों के बाद आपका बैंक आपके घर में पड़ी शादी के लिए ब्यूरो की भूमिका अदा करने जा रहा है. एक अहम बात भूलिएगा नहीं. निकासी फॉर्म के साथ संलग्न शादी के कार्ड पर बैंक का नाम जरूर लिख निमंत्रण दे दीजिएगा क्योंकि वैसे भी पड़ताल के लिए उन्हें शादी में मौजूद रहना ही है.

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