
जून में 1.54 फीसदी रही रिटेल महंगाई. इससे पहले मई में केन्द्र सरकार को महंगाई आंकड़ों से बड़ी राहत मिली थी, जब अप्रैल में महंगाई के आंकड़े 2.99 फीसदी से लुढ़ककर 2.18 फीसदी पर पहुंच गए थे.
जून में केन्द्र सरकार को महंगाई के मोर्चे पर लगातार दूसरे महीने (मई में 0.81 कम हुई थी) राहत मिली है. मई के मुकाबले जून में केन्द्र सरकार को इस बार रीटेल महंगाई के आंकड़ों में 0.64 अंकों की गिरावट है.
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यह आंकड़ा देश में महंगाई मापने के लिए अहम है.
सीएसओ द्वारा जारी इन महंगाई के आंकड़ो के मुताबिक जून के आंकड़ों में सरकार को बड़ी राहत मिली है. मई के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) रीटेल महंगाई कम होकर 2.18 फीसदी पर रही. जबकि अप्रैल के दौरान रीटेल महंगाई 2.99 फीसदी के स्तर पर थी.
सब्जी, दाले सस्ती, मुद्रास्फीति रिकार्ड न्यूनतम स्तर
सब्जी और दाल जैसी खाने-पीने की वस्तुओं के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में रिकार्ड 1.54 फीसदी के निम्न स्तर पर आ गयी. हालांकि इस दौरान फल महंगे रहे. जून के दौरान कपड़ा, आवास, ईंधन और बिजली की दरें सस्ती रहीं. खुदरा मुद्रास्फीति में मई का भी आंकड़ा इसका रिकार्ड न्यूनतम स्तर था.
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कहीं जीएसटी का असर तो नहीं?
देश के रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जून में दावा किया था कि देश में वस्तु एवं सेवा (GST) कर लागू होने के बाद महंगाई में दो फीसदी की गिरावट आएगी और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी. आजादी के बाद देश में सबसे बड़े कर सुधार की जमीन तैयार हो चुकी है. सरकार ग्राहकों को जीएसटी के बारे में जानकारी देने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाएगी जिससे उन्हें व्यापारी नए कर के नाम पर चूना न लगा सकें. लिहाजा, इन आंकड़ों पर दुनियाभर की नजर रहेगी क्योंकि दावे के मुताबिक जीएसटी के असर से अब महंगाई को दो फीसदी कम होना है.