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December Retail Inflation : महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को राहत, अच्‍छा रहा दिसंबर का महीना

December Retail Inflation : महंगाई को लेकर लंबे समय से निशाने पर रही मोदी सरकार के लिए दिसंबर के आंकड़े राहत देने वाले हैं. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर दिसंबर में पिछले महीने से घटकर 2.19 रही. वहीं नवंबर में यह आंकड़ा 2.33 फीसदी पर था. यानि महंगाई दर में 0.14 फीसदी की कमी आई है. यह 18 महीने का निचला स्तर है. इससे पहले जून, 2017 में खुदरा महंगाई दर 1.46 फीसदी के निचले स्तर पर थी.

मोदी सरकार को राहत मोदी सरकार को राहत
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 14 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST

महंगाई के मोर्चे पर ताजा आंकड़ों से मोदी सरकार को दोहरी राहत मिली है. सोमवार को सुबह दिसंबर महीने की थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर में कटौती दर्ज की गई तो वहीं शाम तक खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों ने भी अच्‍छी खबर दे दी. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर दिसंबर में पिछले महीने से घटकर 2.19 रही. वहीं नवंबर में यह आंकड़ा 2.33 फीसदी पर था. यानि महंगाई दर में 0.14 फीसदी की कमी आई है. यह 18 महीने का निचला स्तर है. इससे पहले जून, 2017 में खुदरा महंगाई दर 1.46 फीसदी के निचले स्तर पर थी.

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क्‍या है महंगाई दर घटने की वजह

बीते महीने फल, सब्जियां और ईंधन कीमतों में गिरावट का दौर देखने को मिला और यही वजह थी कि मुद्रास्फीति घटी है. हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर नवंबर में 2.33 फीसदी और दिसंबर, 2017 में 5.21 फीसदी पर थी. आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में सब्जियों, फलों और अंडे जैसे प्रोटीन वाले सामान की कीमतों में कटौती रही जबकि मांस, मछली और दालों की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई.

थोक महंगाई दर का हाल

दिसंबर में थोक कीमतों पर आधारित देश की सालाना महंगाई दर घटकर 3.80 फीसदी रही है. यह 8 माह का निचला स्तर है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के बाद दिसंबर में महंगाई में इतनी बड़ी कटौती हुई है. इससे पहले अप्रैल 2018 में सबसे कम 3.62 फीसदी का आंकड़ा दर्ज किया गया था. दिसंबर महीने के आंकड़ों में बताया गया है कि थोक खाद्य पदार्थों में 0.07 फीसदी महंगाई घटी है.

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दूसरे थोक खाद्य पदार्थों के मुकाबले आलू की कीमतों में  ज्याादा गिरावट देखने को मिली है. नवंबर में आलू की मुद्रास्फीति 86.45 फीसदी थी जो दिसंबर में 48.68 फीसदी रही.इसके अलावा ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र में दिसंबर में मुद्रास्फीति घटकर 8.38 फीसदी रही . यह नवंबर की 16.28 फीसदी मुद्रास्फीति के मुकाबले लगभग आधी है.दरअसल, बीते महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की वजह से गिरावट का यह दौर देखने को मिला है. अगर अलग-अलग देखें तो दिसंबर में पेट्रोल कीमतों की मुद्रास्फीति 1.57 फीसदी रही है. जबकि डीजल कीमतों की 8.61 फीसदी और एलपीजी में यह 6.87 फीसदी रही.

आम लोगों को कैसे फायदा

खुदरा और थोक महंगाई दरों में कटौती की खबर आम लोगों के लिए भी राहत भरी है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक अपनी ब्‍याज दरों को तय करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का ही इस्तेमाल करता है. ऐसे में इस कटौती के बाद आरबीआई से ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद की जा सकती है. 

शेयर बाजार पर पड़ सकता है असर

महंगाई के आंकड़ों का पॉजीटिव असर मंगलवार को शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है. सोमवार को इंडस्ट्रियल प्रोडक्‍शन के आंकड़ों और ग्‍लोबली निवेशकों की भारी बिकवाली की वजह से सेंसेक्स 156.28 अंक तक टूट गया. जबकि निफ्टी 57.35 अंकों की गिरावट के साथ 10,737.60 के स्‍तर पर रहा.

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