
इंडियन करेंसी गुरुवार को 63.65 स्तर के साथ डॉलर के मुकाबले सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. यह पिछले दो वर्षों में डॉलर के मुकाबले इसका सर्वोच्च स्तर है. इससे पहले बुधवार को यह डॉलर के मुकाबले 64.07 के स्तर पर बंद हुआ था. इस वक्त रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली करेंसी है. अब तक डॉलर के मुकाबले इसमें छह प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डालर के नरम पड़ने से भी रुपये की मजबूती को समर्थन मिला है
अंतराष्ट्रीय बैंकिंग और विदेशी करेंसी निमय बाजार में कल डालर के मुकाबले रुपये में सबसे अधिक 37 पैसे की मजबूती दर्ज की गई और 64 रुपये के स्तर को रिकॉर्ड कायम किया.
जिसके बाद यह घटकर 63.70 रुपये प्रति डालर पर आ गया, रिजर्व बैंक ने कल रेपो दर को भी 0.25 प्रतिशत कम कर दिया इससे भी रुपये में मजबूती देखी गयी.
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज कारोबार की शुरुआत में 78.64 अंक गिरावट में रहा
घरेलू स्टॉक और ब्रैंड बाजार में विदेशी मुद्रा के आगमन में बढ़ोतरी एक वजह मानी जा रही है. इस महीने भारतीय मुद्रा बाजार में 30 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है.
इस बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्टॉक मार्केट ने इस साल नई ऊंचाइयों को छुआ. इस महीने निफ्टी 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एशिया में सबसे अधिक प्रदर्शन करने वाला मार्केट रहा है.
GST के बाद शेयर बाजार में दमदार उछाल रहा
एक्सपर्ट के मुताबिक इस तरह की तेजी ही इस साल रुपये के प्रदर्शन को निर्धारित करेगा. कम मुद्रास्फीति, चालू घाटे में कमी और आर्थिक विकास की बेहतर संभावनाएं रुपये के अच्छे प्रदर्शन की वजहों में शामिल हैं
वैश्विक रूप से डॉलर के कमजोर होने का ट्रेंड दिख रहा है. छह प्रमुख करेंसी वाले बास्केट में इसका प्रदर्शन पिछले 15 महीनों में सबसे कमजोर रहा है.