
यूएस फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पावेल के इकोनॉमी के स्तर पर सुरक्षात्मक रवैया अपनाने के बाद भारतीय मुद्रा समेत अन्य एशियाई मुद्राओं में गिरावट नजर आ रही है. फिलहाल रुपया डॉलर के मुकाबले 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है.
बुधवार को दोपहर करीब दो बजे के करीब रुपया 65.29 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. मंगलवार को यह डॉलर के मुकाबले 64.80 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. इसकी तुलना में बुधवार को रुपया 0.52 फीसदी गिरा है. इससे पहले 16 नवंबर, 2017 को रुपया डॉलर के मुकाबले 65.31 रुपये के स्तर पर पहुंचा था.
वैश्विक स्तर पर यूएस फेडरल रिजर्व प्रमुख ने इकोनॉमी के मोर्चे पर सुरक्षात्मक रवैया अपनाया है. इससे यूएस फेड रिजर्व के ब्याज दरों को बढ़ाने की आशंका भी बढ़ गई है.
इसके साथ घरेलू स्तर पर जीएसटी कलेक्शन में कमी आने से राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका खड़ी हो गई है. मजबूत अर्थव्यवस्था की उम्मीद डॉलर को मजबूती दे रही है, जिसके चलते रुपया समेत सभी करेंसी गिरावट के साथ कारोबार कर रही हैं. ब्याज दरें बढ़ने की आशंका से डॉलर में मजबूती दिख रही है. इससे डॉलर इंडेक्स 90 के पार पहुंच गया है.
बता दें कि इस साल के पहले महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह दिसंबर के मुकाबले कम रहा है. 25 फरवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी महीने में 86,318 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है. यह दिसंबर के मुकाबले 385 करोड़ रुपये कम है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक 25 फरवरी तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में प्राप्त हुआ जीएसटी दिसंबर के लगभग बराबर है. बता दें दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन बढ़ा था. इससे पहले नंवबर और अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन कम रहा था.