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बैन के बावजूद इस रास्ते से रूस का भरा खजाना, चीन-भारत का बड़ा योगदान!

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के बीच रूस ने ऑयल बेचकर तगड़ी कमाई की है. यूरोपीय संघ (European  Union) ने सबसे अधिक रूस से जीवाश्म ईंधन का आयात किया है. चीन ने भी रूस से तेल का इंपोर्ट बढ़ा दिया है.

जीवाश्म ईंधन के निर्यात से रूस को हुई तगड़ी कमाई जीवाश्म ईंधन के निर्यात से रूस को हुई तगड़ी कमाई
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST
  • रूस ने तेल निर्यात से भरा खजाना
  • यूरोपीय संघ सबसे बड़ा इंपोर्टर

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के 100 दिन से अधिक हो चुके हैं, लेकिन ये लड़ाई कब थमेगी किसी को नहीं पता. लेकिन इस युद्ध के बीच रूस ने ऑयल बेचकर तगड़ी कमाई की है. खबरों के मुताबिक यूक्रेन से चल रही लड़ाई के बीच 100 दिनों में रूस ने जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के निर्यात से 98 बिलियन डॉलर कमाए हैं. यूरोपीय संघ (European Union) ने सबसे अधिक रूस से जीवाश्म ईंधन का आयात किया है. पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के चलते रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे. इसके बावजूद रूस ने ईंधन के निर्यात से बेहतरीन कमाई की है.

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यूरोपीय संघ सबसे बड़ा खरीदार

फिनलैंड स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय संघ अधिक मात्रा में रूस से तेल के निर्यात को रोकने पर सहमत हुआ था. हालांकि, यूरोपीय यूनियन रूस से ईंधन पर सबसे अधिक निर्भर है. लेकिन इस ब्लॉक ने 2022 में रूस से गैस के निर्यात को दो-तिहाई कम करने का लक्ष्य रखा है.

रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के पहले 100 दिनों के दौरान यूरोपीय संघ ने रूस के जीवाश्म ईंधन निर्यात का 61 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है. इसकी कीमत लगभग 57 बिलियन यूरो (60 बिलियन डॉलर) है.

चीन ने भी किया आयात

यूरोपीय यूनियन के बाद रूस से चीन ने सबसे अधिक जीवाश्म ईंधन खरीदा है. चीन ने चीन 12.6 बिलियन यूरो, जर्मनी ने 12.1 बिलियन यूरो और इटली ने 7.8 बिलियन यूरो की कीमत के ईंधन खरीदे हैं. रूस जीवाश्म ईंधन से पहले 46 बिलियन यूरो की कमाई करता था. इसके बाद गैस पाइपलाइन, तेल उत्पाद, एलएनजी और कोयले के आयात से कमाई करता था. हालांकि, मई के महीने में रूस से निर्यात में गिरावट आई है. 

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कई कंपनियों ने रूस से निर्यात बंद कर दिया, लेकिन चीन, भारत, यूएई और फ्रांस जैसे कुछ देशों ने रूस से अपनी खरीदारी बढ़ा दी. CREA के अनुसार, रूस का औसत निर्यात प्राइस पिछले वर्ष की तुलना में इस साल लगभग 60 प्रतिशत अधिक था. यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है. फ्रांस ने दुनिया में एलएनजी का सबसे बड़ा खरीदार बनने के लिए अपने आयात में वृद्धि की है. 

यूरोप ने क्रूड ऑयल भी सबसे अधिक खरीदा 

यूक्रेन से युद्ध छिड़ने के बाद रूस ने क्रूड आयल पर छूट देने का ऐलान किया था. इसका भी सबसे अधिक फायदा यूरोपीय देशों को ही मिला है. रूस ने कहा था कि वो क्रूड ऑयल की बिक्री ग्लोबल बेंचमार्क (Crude Global Rate) के मुकाबले 30 फीसदी के कम भाव से करेगा. यूरोपीय संघ अपने इंपोर्ट तेल का 27 फीसदी हिस्सा रूस से प्राप्त करता है. युद्ध और प्रतिबंधों के बावजूद यूरोप रूस के क्रू़ड ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है.

 

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