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SBI चेयरमैन बोले- बैंक कर्ज देने को तैयार, ग्राहक जोखिम नहीं लेना चाहते

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार का बड़ा बयान एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार का बड़ा बयान
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 03 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

  • रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है
  • लॉकडाउन में 2 बार रेपो रेट में कटौती की गई है

कोरोना संकट काल में लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है.

सिर्फ लॉकडाउन में रिजर्व बैंक ने दो बार रेपो रेट में कटौती की है. वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्‍तर है. वहीं, बैंकों ने भी लोन लेने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले आसान बना दिया है. इन कोशिशों के बावजूद लोग कर्ज लेने को तैयार नहीं हैं. इस बात को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी स्‍वीकार किया है.

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क्‍या कहा SBI चेयरमैन ने

एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. इसके साथ ही रजनीश कुमार ने बैंक की जमा रिजर्व बैंक के पास रखने की आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्‍होंने कहा, ''हमारे पास फंड है, लेकिन कर्ज की मांग नहीं है. ऐसे में बैंकों का पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जहां तक ग्राहकों की बात है तो वे अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. ''

ये पढ़ें-PNB बचत खाताधारकों के लिए बुरी खबर, 1 जुलाई से लगने वाला है ये झटका

आपको बता दें कि ये आलोचना होती रही है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट पर दी गई राहत को बैंक ग्राहकों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा रहे हैं. बैंक अपने फंड को रिजर्व बैंक के पास जमा कर ज्‍यादा से ज्‍यादा मुनाफा लेना चाहते हैं. इस मुनाफे को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है. हालांकि, हाल ही में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दिया है.

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MSME सेक्‍टर से है उम्‍मीद

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपये की लोन गारंटी योजना को लेकर एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार आशान्वित हैं. इस योजना के जरिये सरकार चाहती है कि एमएसएमई क्षेत्र के लोग ज्‍यादा से ज्‍यादा लोन लेकर अपने कारोबार को चलाएं और विस्‍तार करें. हालांकि, बाजार में इस योजना को लेकर भी उत्‍साह कम है.

मोरेटोरियम में भी दिलचस्‍पी नहीं

बीते दिनों एसबीआई चेयरमैन ने बताया था कि बैंक के सिर्फ 20 फीसदी कर्जदारों ने ही मोरेटोरियम का विकल्‍प चुना है. मतलब कि सिर्फ 20 फीसदी ऐसे ग्राहक हैं जिनकी लोन की किस्‍त टालने में दिलचस्‍पी है. आपको बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को 6 महीने तक लोन की EMI भुगतान टालने (मोरेटोरियम) की छूट दी है. पहले ये सुविधा एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक के लिये दी गई थी. लेकिन अब इसे 31 अगस्‍त तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

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