
सीनियर सिटिजन को मिलने वाली रिवर्स मॉर्टगेज की सुविधा का बैंकों द्वारा अनुपालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और रिजर्व बैंक सहित यूनियन बैंक और केनरा बैंक को नोटिस जारी की है. यूपी के मैनपुरी में रहने वाले सीनियर सिटिजन एमपी सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस दी है.
एमपी सिंह ने शिकायत की थी कि सिनियर सिटीजन को मिली इस अच्छी सुविधा का बैंक अनुपालन नहीं कर रहे और बुजुर्गों को कई बार इसके लिए घूस देनी पड़ती है. एमपी सिंह ने इस बारे में कई बार रिजर्व बैंक तथा सरकार से शिकायत की,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
क्या होता है रिवर्स मॉर्टगेज
रिवर्स मॉर्टगेज के तहत सीनियर सिटीजन अपनी सम्पति किसी बैंक के पास गिरवी रख कर अपना जीवन यापन कर सकते हैं, और ये सम्पति पैसा लौटाने के बाद वापस हो जाती है. इसे एक तरह की रिटायरमेंट स्कीम समझा जा सकता है, जिसके तहत सीनियर सिटीजन अपनी प्रॉपर्टी गिरवी रखकर अपना जीवनयापन करने के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं. असल में यह होम लोन का उलटा जैसा होता है, इसलिए इसे रिवर्स मॉर्टगेज कहते है. होम लोन लेने वाला व्यक्ति हर महीने ईएमआइ के द्वारा लोन चुकाता है, जबकि रिवर्स मॉर्टगेज में सीनियर सिटीजन को अपना खर्च चलाने के लिए हर महीने एक निश्चित रकम मिलती है. इस लोन पर ब्याज वगैरह जोड़कर सीनियर सिटीजन का जो बकाया बनता है, वह कभी भी इसे चुकाकर प्रॉपर्टी वापस ले सकता है. यदि सीनियर सिटीजन का इस पैसे को चुकाए बिना निधन हो जाता है, तो उसकी संतान लोन की बकाया रकम चुकाए बिना प्रॉपर्टी नहीं ले सकती. अगर संतान लोन की रकम नहीं चुकाती तो प्रॉपर्टी बैंक की हो जाती है.