
एशिया के शेयर बाजारों में बुधवार को कारोबार की शुरुआत जोरदार उछाल के साथ हुई. सुबह बाजार खुलते ही एशिया में जापान और चीन के शेयर बाजार तेज उछाल के साथ खुले. जापान का प्रमुख इंडेक्स निक्केई ने 1.4 फीसदी की उछाल दर्ज की. वहीं चीन के शेयर बाजार में प्रमुख इंडेक्स हैंग सेंग में भी 150 अंकों की शानदार बढ़त के साथ 0.51 फीसदी की उछाल दर्ज हुई.
जापान और चीन के अलावा दक्षिण कोरियाई बाजार के प्रमुख इंडेक्स कोस्पी पर भी 1.14 फीसदी की उछाल दर्ज की गई. वहीं एशिया में भारतीय बाजार खुलने से ठीक पहले खुलने वाले सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज पर 0.39 फीसदी की उछाल दर्ज की गई. इनके अलावा इंडोनेशिया और पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी उछाल देखने को मिली.
एशियाई बाजार में आई इस रौनक के असर और घरेलू के साथ-साथ ग्लोबल संकेतों से भारतीय शेयर बाजार में भी बुधवार के शुरुआती कारोबार में रिकॉर्ड स्तर देखने को मिला. दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे निशान में तेज गति से ओपनिंग की. जहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर निफ्टी ने नए रिकॉर्ड स्तर को पार किया वहीं बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड स्तर को छुआ.
बाजार के जानकारों का मानना है कि भारत समेत एशिया के बाजारों में आई रौनक के लिए वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार जिम्मेदार हैं. इंडिया टुडे के संपादक अंशुमान तिवारी का कहना है कि यूरोप और एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार से ग्लोबल मनी मार्केट में अच्छे सेंटिमेंट हैं. वहीं क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों से अमेरिकी बाजार में बुल रन देखने को मिल रहा है.
इसके साथ-साथ अंशुमान तिवारी का कहना है कि भारतीय बाजार में बुधवार सुबह की उछाल इन ग्लोबल संकेतों के अलावा इस बात से भी देखने को मिली क्योंकि मंगलवार को विश्व बैंक की रिपोर्ट में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स में भारत ने 30 अंकों की शानदार छलांग लगाई है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने बीते तीन साल से लगातार कोशिश की है कि देश की अर्थव्यवस्था में बड़े सुधार करके वैश्विक स्तर पर भारत को कारोबार करने के लिए सुगम जगह बनाई जाए. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने कारोबार सुगमता (ईज ऑफ डूईंग बिजनेस) के अहम 10 इंडिकेटर्स में 8 अच्छा काम किया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक स्तर पर तेज रफ्तार के साथ सुधार करने वाली टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है.
इनके अलावा एशिया समेत दुनिया के सभी शेयर बाजारों पर अमेरिका में केन्द्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) के नए प्रमुख के इंतजार में अच्छा प्रदर्शन किया है. मौजूदा प्रमुख जेनेट येलन के कार्यकाल का आखिरी दिन है. इस सप्ताह के अंत तक राष्ट्रपति ट्रंप को देश के केन्द्रीय बैंक को नया प्रमुख देना है.
खास बात यह है कि कुछ संस्थानों ने अमेरिका में फेडरल रिजर्व के नए प्रमुख के लिए भारत के पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन का नाम उठाया था. हालांकि अमेरिका में फेडरल रिजर्व का प्रमुख अमेरिका के किसी मूल निवासी को ही बनाया जा सकता है. लिहाजा, इसकी संभावना कम है कि राष्ट्रपति ट्रंप ट्रेडिशन को तोड़कर किसी भारतीय को फेडरल रिजर्व की कमान दें.