
नए कारोबारी हफ्ते की शुरुआत होने वाली है. इस हफ्ते वैश्विक संकेतों, आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के चौथी तिमाही के कमाई के आंकड़ों से शेयर बाजार की दिशा तय होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक चुनावी मौसम को देखते हुए अनिश्चितता की स्थिति बनी रह सकती है और निवेशक सतर्कता का रुख बनाए रख सकते हैं. वहीं बीते शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में कमी का असर भी देखने को मिल सकता है.
पिछले हफ्ते बाजार का मूड
इस सप्ताह सेंसेक्स में 1,500.27 अंक यानी 3.85 फीसदी की भारी गिरावट आई और यह शुक्रवार को 37,462.99 अंक पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 22.90 अंक घटकर 11,278.90 अंक पर रहा. यह लगातार आठवां दिन था जब शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई. फरवरी के बाद से यह सेंसेक्स में गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला है. गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका और चीन के व्यापारिक रिश्तों में तनाव थी.
नए हफ्ते में क्या होगी मुख्य वजह
इस हफ्ते मुद्रास्फीति दर की घोषणा की जाएगी, जो बाजार के रुख के लिहाज से काफी अहम साबित होगी. एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, 'लोकसभा चुनाव खत्म होने के कगार पर है. यह पहले से अनिश्चितता का एक कारक रहा है. लेकिन अब व्यापार युद्ध एवं वैश्विक संकेतों ने उस चीज को काफी हद तक बढ़ा दिया है.' इस सप्ताह आईटीसी, एचडीएफसी लिमिटेड, ल्यूपिन, बजाज ऑटो और हिंडाल्को के तिमाही परिणाम आने वाले हैं. बता दें कि मौजूदा आम चुनाव के लिए सातवें और अंतिम दौर का मतदान 19 मई को होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी.
1.60 लाख करोड़ रुपये की कमी
देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में 9 के मार्केट कैप में पिछले सप्ताह 1.60 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. इसमें सर्वाधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ. रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 99,212.9 करोड़ रुपये लुढ़ककर 7,92,680 करोड़ रुपये रहा. इसके साथ आरआईएल देश की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी के रूप में टीसीएस से पीछे हो गई. शीर्ष 10 कंपनियों में टीसीएस पहले स्थान पर रही. उसके बाद क्रमश: आरआईएल, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल), आईटीसी, एचडीएफसी, इन्फोसिस, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा.