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चुनाव नतीजों से पहले सहमे निवेशक, शेयर बाजार की सुस्‍ती बरकरार

सप्‍ताह के दूसरे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में सुस्‍ती बरकरार है.

चुनावी नतीजों से पहले बिगड़ता जा रहा निवेशकों का मूड चुनावी नतीजों से पहले बिगड़ता जा रहा निवेशकों का मूड
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 14 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

आगामी 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ रहे हैं और इससे पहले ही भारतीय शेयर बाजार का मूड लगातार खराब होता जा रहा है. सप्‍ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को एक बार फिर बाजार कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही 50 अंक से ज्‍यादा टूट गया और सेंसेक्‍स लुढ़क कर 37 हजार के करीब आ गया है.

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इसी तरह निफ्टी भी मामूली बढ़त के साथ 11,150 के आंकड़े पर कारोबार करता नजर आया. सोमवार को 9 फीसदी की फिसलन के बाद आज सनफार्मा में 4 फीसदी से ज्‍यादा बढ़त देखने को मिली. इसके अलावा वेदांता, आईटीसी और रिलायंस के शेयर भी 2 फीसदी के करीब तेजी के साथ कारोबार करते देखे गए. जबकि टाटा स्‍टील, एलएंडटी और एचसीएल के शेयर लाल निशान पर रहे.

8 साल बाद शेयर बाजार इतना पस्‍त

इससे पहले सोमवार को सेंसेक्‍स 372 अंक यानी 0.99 फीसदी घटकर 37 हजार 90 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी भी कारोबार के अंत में 130 अंक यानी 1.16 फीसदी घटकर 11,148 अंक पर बंद हुआ. यह लगातार नौवां दिन था जब शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ. करीब 8 साल बाद यह पहली बार है जब बाजार लगातार नौवें दिन पस्‍त हुआ है. इस 9 दिन में सेंसेक्‍स 1950 अंकों के करीब टूट गया है जबकि निफ्टी भी करीब 700 अंक लुढ़का है. शेयर बाजार के इस बुरे हालात के बीच निवेशकों के 8.56 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं.

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क्‍यों बिगड़ता जा रहा बाजार का मूड

दुनिया की दो बड़ी शक्तियां अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी मोर्चे पर तनाव बढ़ता जा रहा है. इसका असर भारत समेत एशिया के सभी बाजारों पर देखने को मिल रहा है. इसके अलावा भारत में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से भी निवेशक सहमे हुए हैं. दरअसल, राजनीति के पंडितों को स्‍पष्‍ट बहुमत की सरकार बनती हुई नजर नहीं आ रही है. यही वजह है कि निवेशकों में डर का माहौल है. मंगलवार के कारोबार में खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों का भी असर देखने को मिला.

खुदरा महंगाई दर बढ़ी

बता दें कि देश में खाद्य पदार्थो और ईंधन की कीमतें बढ़ने के कारण अप्रैल में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 2.92 फीसदी दर्ज की गई, जबकि इससे पिछले महीने मार्च में खुदरा महंगाई दर 2.86 फीसदी दर्ज की गई थी. हालांकि सालाना आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अप्रैल 2019 में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले नीचे रहा. पिछले साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.58 फीसदी दर्ज की गई थी.

रुपया में मामूली सुधार

कमजोर वैश्विक रुख की वजह से रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 9 पैसे बढ़कर 70.43 रुपये प्रति डॉलर पर रहा. हालांकि बीते कुछ दिन से शेयर बाजार की तरह रुपये की भी हालत ठीक नहीं है. कच्चे तेल की कीमत बढ़ने को लेकर ताजा चिंताओं की वजह से सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 59 पैसे की भारी गिरावट के साथ 70.51 पर बंद हुआ. यह रुपये का करीब दो माह का निम्नतम स्तर है.

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