
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू हो चुकी है. बैठक के नतीजे गुरुवार को आएंगे. बाजार को उम्मीद है कि इस बार भी रेट कट की उम्मीद है. इसी उम्मीदों से शेयर बाजार में आज शानदार तेजी देखी जा रही है. सेंसेक्स करीब 500 अंकों की मजबूती के साथ 40160 के स्तर पर पहुंच गया जो नया रिकॉर्ड है. वहीं निफ्टी भी 100 अंकों से ज्यादा मजबूती के साथ 12050 के स्तर पर पहुंच गया. यह निफ्टी का अपना नया रिकॉर्ड है. 23 मई के बाद सेंसेक्स और निफ्टी फिर नया रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे हैं.
इससे पहले बीते सप्ताह गिरावट के साथ बंद होने के बाद सोमवार को शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 100 अंक से ज्यादा तेजी दर्ज की गई तो वहीं निफ्टी भी 25 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिखा. सुबह 9.25 बजे सेंसेक्स 39 हजार 870 के स्तर पर कारोबार कर रहा था.
बता दें कि शुक्रवार को सेंसेक्स काफी उतार-चढ़ाव के बाद 118 अंक की गिरावट के साथ 39 हजार 714 अंक पर बंद हुआ. हालांकि, साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 280 अंक तक की तेजी आई. शुरुआती कारोबार में एशियन पेंट और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 2 फीसदी से अधिक बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे.
इसके अलावा एचयूएल, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड और वेदांता के शेयर में 1 फीसदी से अधिक तेजी देखी गई. वहीं अगर लाल निशान पर कारोबार करने वाले शेयरों की बात करें तो यस बैंक, ओएनजीसी, मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा और इन्फोसिस हैं. यस बैंक के शेयर 1 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे.
बाजार में ये फैक्टर करेंगे काम
कारोबारी सप्ताह के दौरान सोमवार को मई महीने का निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा आज यानी सोमवार को और निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई डाटा बुधवार को जारी होने की संभावना है.
वहीं, देश की ऑटो कंपनियां पिछले महीने की अपनी बिक्री के आंकड़े जारी करेंगे. इसके अलावा चालू वित्तवर्ष 2019-20 में भारतीय रिजर्व बैंक की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे गुरुवार को आएंगे, जिस पर शेयर बाजार की नजर होगी. उधर, विदेशी मोर्चे पर चीन द्वारा अमेरिका से आयातित 60 अरब मूल्य की वस्तुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि किए जाने से व्यापारिक तनाव की स्थिति और गहरा गई है. व्यापारिक तनाव की वहज से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी रहने की आशंका बनी हुई है.