
ग्लोबल मार्केट में गिरावट और रुपये में कमजोरी के बीच भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर बड़ी गिरावट के दौर से गुजर रहा है. दोपहर 2 बजे बाद सेंसेक्स 670 अंक से अधिक लुढ़क गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स करीब 642 अंकों की गिरावट के साथ 36,481.09 के स्तर पर था. वहीं, निफ्टी में भी 186 अंकों की गिरावट रही है और यह 10,817.60 के स्तर पर बंद हुआ.
सऊदी अरब में अरामको के प्लांट पर ड्रोन हमले और इससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, रुपये में भारी गिरावट और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक से पहले सतर्कता की वजह से बाजार में भारी बिकवाली देखी जा रही है.
- दोपहर करीब 1.30 बजे सेंसेक्स 450 अंक से अधिक लुढ़ककर 36, 650 के स्तर पर आ गया. वहीं निफ्टी की बात करें तो 140 अंक लुढ़क कर 10 हजार 870 के स्तर पर पहुंच गया.
- सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 100 अंक से अधिक लुढ़क कर 37 हजार के नीचे आ गया. वहीं निफ्टी में भी 50 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई. निफ्टी 10 हजार 950 के स्तर पर कारोबार करता दिखा.
इससे पहले शुरुआती कारोबार में ऑटो और बैंकिंग सेक्टर के शेयर पस्त नजर आए. हीरो मोटोकॉर्प और टेक महिंद्रा में करीब 2 फीसदी की गिरावट रही. इसी तरह बजाज ऑटो, महिंद्रा, टाटा मोटर्स, मारुति भी लाल निशान पर कारोबार करते देखे गए. बैंकिंग सेक्टर में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर भी लुढ़क गए. इस बीच, मंगलवार को रुपये में भारी गिरावट के साथ शुरुआत हुई. डॉलर के मुकाबले रुपया 20 पैसे की कमजोरी के साथ 71.80 रुपये के स्तर पर खुला. बता दें कि सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 67 पैसे लुढ़क कर 71.60 पर बंद हुआ.
सोमवार को शेयर बाजार का हाल
इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स करीब 262 अंक टूटकर 37,123.31 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी भी 79.80 अंक लुढ़क कर 10,996.10 अंक के स्तर पर रहा. सेंसेक्स के इंडेक्स में शामिल टॉप 30 शेयरों में से 24 नुकसान में रहे. वहीं 6 शेयरों को फायदा हुआ. नुकसान में रहने वाले प्रमुख शेयर- महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई, यस बैंक, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी, टाटा स्टील और एल एंड टी हैं. इनमें 2.55 फीसदी तक की गिरावट आई. वहीं दूसरी तरफ टेक महिंद्रा, ओएनजीसी, सन फार्मा, एचयूएल, टीसीएस और भारती एयरटेल 1.44 फीसदी तक मजबूत हुए.
नहीं दिख रहा सरकार के फैसलों का असर
दरअसल, सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमले की वजह से निवेशकों में डर का माहौल बन गया है. इस वजह से बिकवाली देखने को मिल रही है. हालांकि बीते शनिवार को सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार की ओर से कई ऐलान किए गए थे लेकिन इसका बाजार को फायदा नहीं मिला है. ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार के फैसलों पर अंतरराष्ट्रीय कारक हावी होते दिख रहे हैं.