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मोदी सरकार के साथ मानसून, अबकी बार आ रहे हैं 'अच्छे दिन'!

वहीं मोदी सरकार के पहले दो साल के दौरान उम्मीद से कम बारिश ने और देश के कई हिस्सों में सूखे की स्तिथि ने भी अच्छे दिनों को नजदीक नहीं फटकने दिया. ऐसे में क्या अब मौसम विभाग का औसत से अधिक बारिश का अनुमान देश को अच्छे दिनों में ले जाएगा.

चित्र साभार: स्काईमेट चित्र साभार: स्काईमेट
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

देश को पिछले तीन साल से अच्छे मानसून के साथ-साथ अच्छे दिन का बेसब्री से इंतजार है. देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ रही है और कई अर्थशास्त्री चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में इसे 8 फीसदी के आसपास देख रहे हैं. तेज ग्रोथ से जहां आम आदमी के लिए अच्छे दिन आएंगें वहीं अच्छे मानसून से तेज आर्थिक ग्रोथ तय हो जाएगा. लिहाजा अच्छे दिनों के लिए अच्छा मानसून बेहद अहम है और बीते 3 साल के बारिश के आंकड़े बता रहे हैं कि मानसून लगातार मोदी सरकार की मदद कर रहा है.

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बीते तीन साल में रिजर्व बैंक ने 4-5 बार ब्याज दरों में कटौती की लेकिन फिर भी अच्छे दिन नहीं देखने को मिले. वहीं मोदी सरकार के पहले दो साल के दौरान उम्मीद से कम बारिश ने और देश के कई हिस्सों में सूखे की स्थिति ने भी अच्छे दिनों को नजदीक नहीं फटकने दिया. ऐसे में क्या अब मौसम विभाग का औसत से अधिक बारिश का अनुमान देश को अच्छे दिनों में ले जाएगा.

अब क्या अर्थव्यवस्था पर मानसून का सेंटिमेंट इतना भारी पड़ता है कि उसके कमजोर रहने पर आर्थिक आंकड़े गिरने लग जाते हैं और जैसे ही औसत से अच्छी बारिश के संकेत मिले सबकुछ अच्छा लगने लगता है. आखिर अच्छे मानसून की उम्मीद कहां-कहां असर दिखाने लगती है.

मानसून की उम्मीद पर भाग रहा शेयर बाजार
हाल में मौसम विभाग ने अनुमान जारी किया कि मौजूदा साल मानसून के लिहाज से अच्छा रहेगा. और देश के ज्यादातर इलाकों में औसत से अधिक बारिश देखने को मिलेगी. इस खबर ने बीते कुछ महीनों में शेयर बाजार और ऊर्जा दी और वह पहले तीस हजार के जादुई आंकड़े को पार करने में सफल रहा और मौसम विभाग की हालिया रिपोर्ट के बाद को 31 हजार के जादुई स्तर के पार निकल गया.

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दरअसल अच्छी बारिश और नतीजतन अच्छी फसल की उम्मीद पर ऑटो, इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंकिग सेक्टर के शेयरों की जमकर खरीदारी शुरू हो जाती है. गौरतलब है कि देश में 1 जून से मानसून की दस्तक देखने को मिलती है और सामान्य चाल पर अगले 15 दिनों में पूरा देश मानसून की चपेट में आ जाता है. इस बार मानसून ने केरल के तटीय इलाकों पर 30 जून को दस्तक देकर मौसम विभाग के अच्छे मानसून की भविष्यवाणी पर मुहर लगा दी है.

खरीफ बुआई के लिए बंपर तैयारी
देश में मानसून के साथ-साथ खरीफ बुआई शुरू हो जाती है. मौसम विभाग के इस अनुमान से देश में खरीफ बुआई का इंतजार कर रहे किसानों के लिए बड़ी राहत आई है. लगातार बीते दो साल से कमजोर मानसून ने उन्हें मायूसी के सिवाए कुछ नहीं दिया है. अब औसत से बेहतर बारिश उनकी उम्मीदों को बढ़ा रहा है कि वह खरीफ सीजन में अच्छी पैदावार करके बीते दो साल के अपने नुकसान की भरपाई कर पाएंगे.

महंगाई पर लगती है लगाम
गौरतलब है कि देश में औसत से बेहतर बारिश से खरीफ पैदावार को फायदा मिलता है. देश में खाद्य सामग्री की कीमतें काबू में रहती है. सस्ता अनाज खरीदने से लोगों के पास अन्य जरूरी खरीदारी के लिए पर्याप्त धन संचित हो जाता है. लिहाजा इस खबर से किसानों के चहरे पर अभी से चमक दिखनी शुरू हो जाती है और अच्छी आमदनी की उम्मीद पर वह अपनी पूरी ताकत खरीफ बुआई में लगा देतें हैं.

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सस्ता हो जाएगा कर्ज
हाल ही में रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए कहा कि बेहतर मानसून के आगाज पर ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ जाएगी. ऐसे में मौसम विभाग की माने आने वाले कुछ महीनें ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले के लिए अहम साबित होंगे. गौरतलब है कि जानकारों का मानना है कि ब्याज दरों में और कटौती अर्थव्यवस्था में जरूरी तेजी लाने के लिए अहम है. रिजर्व बैंक के इस कदम से देश में कर्ज सस्ता होगा और कारोबारी के साथ-साथ आम आदमी बैंकों से ज्यादा से ज्यादा कर्ज उठाने की कोशिश करेंगे.

ऑटो सेक्टर को अच्छे सेल की उम्मीद
अच्छी फसल और कारोबारी तेजी का सीधा असर आम आदमी की बचत पर पड़ता है. एक तरफ जहां उसकी कमाई बढ़ती हैं वहीं खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं की महंगाई नियंत्रित रहने से उसकी सेविंग्स में भी इजाफा दिखने की उम्मीद बढ़ जाती है. जानकारों के मुताबिक किसी भी देश में ऑटो सेक्टर के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय रहता है जब वहां का आम आदमी दो पहिया, चार पहिया, कॉमर्शियल मोटर समेत खेती में काम आने वाले ट्रैक्टर की खरीद पर जोर देता है. अच्छे मानसून से इन कंपनियों पर पिछले कुछ समय से छाई मंदी टलने की उम्मीद है.

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