
बीते कुछ दिनों से असम के तिनसुकिया जिले में स्थित बागजान तेल के कुएं में भीषण आग लगी हुई है. दरअसल, बीते दो हफ्ते से कुएं में अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था. ऑयल इंडिया और लोकल प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए था और नियंत्रण की भी कोशिश की जा रही थी. लेकिन मंगलवार को अचानक भीषण आग लग जाने से यह मामला खतरनाक बन गया है.
दो अग्निशमन कर्मियों की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेल कुएं में लगी आग इतनी भीषण है कि उसकी लपटें दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से देखी जा सकती हैं. आग ने करीब 200 मीटर की परिधि में लगभग 15 घरों को पूरी तरह जला दिया है, जबकि अन्य 15 घर आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं. इसमें ऑयल इंडिया के दो अग्निशमन कर्मियों की भी मौत हो गई है.
आपको बता दें कि ये तेल का कुआं तिनसुकिया जिले के डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और एक दलदली जमीन मागुरी मोटापुंग बील के दायरे में स्थित है. ऐसे में तेल कुएं में लगी आग का नुकसान पेड़-पौधों को भी होने की आशंका जाहिर की जा रही है.
कैसे निपट रही ऑयल इंडिया
ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने तात्कालिक राहत के रूप में प्रत्येक प्रभावित परिवार को 30,000 रुपये की राशि उपलब्ध कराने का फैसला किया है. वहीं लगभग 16 सौ परिवारों की पहले ही नजदीकी प्रभावित क्षेत्रों से निकासी की जा चुकी है और नजदीक में सुरक्षित क्षेत्रों में स्थापित राहत शिविरों में उनकी व्यवस्था की जा चुकी है.
इसके साथ ही ऑयल इंडिया ने ओएनजीसी से मदद लेकर तत्काल संकट प्रबंधन टीम (सीएमटी) तैनात करवा ली है. ऑयल इंडिया ने सिंगापुर स्थित कंपनी मेसर्स अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल को भी तैयार रखा है. इस कुएं को विशेषज्ञों की सलाह पर कवर्ड यानी ढंकने की योजना बनाई गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि कुएं को कवर्ड कर आग पर काबू पाया जा सकता है.
जांच के दिए गए आदेश
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गैस कुएं में आग लगने के मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे दिया है. इस मामले की राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनिंदर सिंह जांच करेंगे और यह रिपोर्ट 15 दिन में जमा की जाएगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनी के कुछ अधिकारियों और उसके निजी कुआं संचालक पर लगे लापरवाही के आरोपों की भी जांच की जाएगी. यह पता लगाया जाएगा कि इस त्रासदी के लिए कौन उत्तरदायी है. इसके अलावा भविष्य की तैयारियों पर भी बात होगी.
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पीएम मोदी खुद ले रहे अपडेट
इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में लगातार अपडेट ले रहे हैं. वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बैठकों का दौर भी जारी है. उन्होंने हाल ही में असम के मुख्यमंत्री के साथ-साथ ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री ने जान एवं माल के नुकसान की, लोगों की आशंकाओं को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया.