
केंद्र सरकार ने राजनीतिक दलों को बड़ा तोहफा देते हुए कहा है कि नोटबंदी लागू होने के बाद उनके बैंक खातों में जमा की गई 500 और 1000 रुपये की प्रतिबंधित करेंसी की कोई जांच नहीं होगी. इसके लिए जरूरी है कि प्रतिबंधित करेंसी सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक दलों के बैंक खातों में जमा की गई हो.
हालांकि सरकार के मुताबिक यदि किसी राजनीतिक दल से जुड़ा कोई व्यक्ति अपने निजी खाते में प्रतिबंधित करेंसी की बड़ी मात्रा जमा कराता है तो वह पूरी तरह से इनकम टैक्स के रडार पर रहेगा. गौरतलब है कि राजनीतिक दलों को दी गई इस छूट के पीछे इनकम टैक्स एक्ट 1961 का सेक्शन 13 ए है. इस कानून के मुताबिक राजनीतिक दलों को मकान और संपत्ति, धन लाभ अथवा चंदे से हुई कमाई पर टैक्स नहीं लगाया जाता.
यह फैसला केंद्रीय रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अधिया ने संसद में उठे सवाल के संदर्भ में दिया. संसद में पूछा गया था कि क्या नोटबंदी के बाद राजनीतिक दलों द्वारा अपने बैंक खातों में जमा कराई गई प्रतिबंधित करेंसी भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच के दायरे में है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार का यह अहम फैसला भी उस दिन लिया गया, जब कालाधन रखने वालों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बड़ी राहत देते हुए 17 दिसंबर से 31 दिसंबर तक खुलासा करने का ऐलान किया गया.
बता दें कि राजनीतिक दलों को चंदे में मिले पैसों पर इनकम टैक्स से छूट उस स्थिति में दी जाती है, जब उसने 10,000 रुपये से ऊपर सभी चंदों का पूरा रिकॉर्ड रखा हो. प्रावधान के मुताबिक राजनीतिक दलों को ऐसे चंदे देने वालों का नाम, पता समेत मिली रकम का पूरा ब्यौरा रखना होता है.