
अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को ही अधिकतम 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है. लेकिन सरकार ने सिफारिश की है कि इसका फायदा प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को भी मिले. कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद अब इसे बजट सत्र के अगले हिस्से में संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा.
सातवें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा दस से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी इसे लागू कर चुकी हैं. अब इसे निजी क्षेत्र में भी लागू करने पर सहमति बनी है. श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक में यह सहमति बनी कि संसद में ऐसा विधेयक लाया जाए कि जब भी केंद्रीयकर्मियों की ग्रेच्युटी की राशि में बढ़ोतरी होगी तो निजी क्षेत्र में भी ग्रेच्युटी में अपने आप इजाफा हो. इसके लिए नया विधेयक लाने की जरूरत ना पड़े.
एटक के प्रतिनिधि डी. एल. सचदेवा ने बताया कि श्रमिक संगठनों ने ग्रेच्युटी की बढ़ी हुई सीमा को 1 जनवरी 2016 से लागू करने की मांग रखी है. इस प्रस्ताव में एक अहम बात यह भी है कि 20 लाख तक की ग्रेच्युटी की निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. किसी कंपनी में पांच साल तक नौकरी करने के बाद छोड़ने पर कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है.