
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ब्रिटेन की शराब कंपनी डियाजियो के 17.5 करोड़ डालर के वसूली के दावे पर ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई की गई.
न्यायमूर्ति रोबिन नॉलेज की पीठ के समक्ष डियाजियो की ओर से दावा किया गया कि माल्या, उसके बेटे सिद्धार्थ और माल्या परिवार से जुड़ी दो कंपनियों पर उसकी देनदारी बनती है. उसका दावा है कि यह देनदारी उस समय की है जब उसने माल्या की यूनाइटेड स्प्रिट्स लि (USL) में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था.
ब्रिटेन की कंपनी ने कहा कि चार करोड़ डॉलर राशि की देनदारी सीधे माल्या पर बनती है जो उन्हें अधिग्रहित कंपनी के प्रबंध से नाता तोड़ने के लिए दिया गया था, बाकी बकाया माल्या के बेटे सिद्धार्थ और कंपनी वाट्सन लिमिटेड से वसूलने का दावा है. यह कंपनी माल्या के पारिवारिक न्यास कांटिनेंटल एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज लिमिटेड (CASL) के नियंत्रण में है.
वहीं इसी महीने माल्य को मध्य लंदन स्थित अपना गिरवी रखा घर छुड़ाने के लिए अदालत से अगले साल अप्रैल तक का समय मिल गया है. माल्या ने यह घर गिरवी रखकर स्विस बैंक यूबीएस से कर्ज लिया था.
यूबीएस बैंक ने कर्ज के 2.04 करोड़ पौंड (करीब 182 करोड़ रुपये) का भुगतान नहीं करने पर माल्या के आलीशान कॉर्नवाल टेरेस अपार्टमेंट को कब्जे में लेने की मांग की थी. ब्रिटिश हाई कोर्ट की चांसरी डिवीजन के जज सिमॉन बार्कर के न्यायिक सहमति आदेश के मुताबिक दोनों पक्षों में समझौता हो जाने की वजह से मामले की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है. (एजेंसी इनपुट के साथ)