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जेटली का 'शुद्ध देसी बजट', विपक्ष ने कहा- बस चुनाव पर फोकस

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों और ग्रामीण विकास पर फोकस करते हुए कई ऐलान किए. मोदी सरकार ने बजट में देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए हर साल 5 लाख रुपये तक के मेडिक्लेम का ऐलान किया.

पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों और ग्रामीण विकास पर फोकस करते हुए कई ऐलान किए. मोदी सरकार ने बजट में देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए हर साल 5 लाख रुपये तक के मेडिक्लेम का ऐलान किया. इस योजना में 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा. इसके अलावा गांवों में एक करोड़ घर बनाने और 600 रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की योजना भी बताई.

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विपक्ष ने इसे चुनावों पर फोकस बजट बताया है. इस बजट को जेटली का शुद्ध देसी बजट बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट के बाद अपने संबोधन में कहा कि इसमें सभी क्षेत्रों और तबकों के विकास पर ध्यान दिया गया है. ये आम लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने वाला है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली की बजट स्पीच

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है. देश की अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार के दौर से बाहर निकल चुकी है. जीएसटी के सुधार से देश में कारोबार को नई रफ्तार मिली है. नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगा है. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में आर्थिक सुधारों से अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के दौर में है.

भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत जल्दी पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है. देश की जीडीपी विकास दर साफ कर चुकी है कि देश तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण ने भी साफ कर दिया है कि देश 8 फीसदी से अधिक ग्रोथ के लिए तैयार है.

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केन्द्र सरकार ऐसी आर्थिक स्थिति में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अपने संकल्प पर काम कर रही है. देश में कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है. फल और सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. किसानों को उनकी लागत से 50 फीसदी से अधिक कमाई हो यह सरकार की कोशिश रही है. रबी फसल से किसानों की अच्छी कमाई तय की जा चुकी है. केन्द्र सरकार के सिद्धांत के अनुसार खरीफ फसल की  एमएसपी को दोगुना करने करने का फैसला किया है. इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी.

ईनैम नेटवर्क से मार्च 2018 से जोड़ लिया जाएगा.

केन्द्र सरकार ने ऑर्गैनिक फार्मिंग को प्रमोट करने में बड़ा कदम उठाया है. टमाटर, प्याज और आलू ने किसानों को पिछले दिनों में बहुत परेशान किया है. लिहाजा केन्द्र सरकार ने 5000 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट के जरिए किसानों को इस परेशानी से बचाने का उपाय किया है.

बैम्बू के लिए नैशनल बैम्बू मिशन लॉन्च किया जाएगा.

एयर पॉल्यूशन से पंजाब, हरियाणा और यूपी को बचाने के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं.

गरीब और मध्यम वर्ग के लिए केस स्टडी नहीं बल्कि वह खुद ही केस रहे हैं. गरीब हमेशा से सरकारों की नीतियों के केन्द्र में रहा है. सरकार उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी दी जाएगी.

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गरीब को सिर्फ ईमानदारी की कमाई से एक छोटा सा घर चाहिए. केन्द्र सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2022 तक सभी गरीबों के लिए एक घर हो. इसके लिए केन्द्र सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं. केन्द्र सरकार एक खास फंड स्थापित कर रहा है जिससे लोगों को घर खरीदने में मदद की जा सके. सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए लोन को बढ़ाया जाएगा.

सभी नागरिक को अपने आर्थिक सपने को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने पूरी तैयारी की है. दिव्यागों के साथ-साथ स्कूल जाने की उम्र वाले सभी बच्चों को स्कूल पहुंचाने की पुख्ता कोशिश की जा रही है. वहीं छात्रों के समग्र विकास के लिए शिक्षा में बड़े बदलाव हो रहे हैं.

टीचर्स की ट्रेनिंग के साथ देश में ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड को बढ़ावा दिया जा रहा है. नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूल बनाए जाएंगे.

वडोदरा में रेलवे युनीवर्सिटी बनाई जाएगी.

राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना

फिलहाल 30 हजार रुपये का बीमा कवर दिया जाता है. अब सरकार हेल्थ केयर को नई उंचाई तक ले जाएगी. नैशनल हेल्थ मिशन में 10 करोड़ परिवारों को जीवन बीमा. इससे 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष की सुविधा दी जाएगी. इसके बाद केन्द्र सरकार युनीवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में आगे बढ़ेंगी.

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टीबी के मरीजों को मदद देने के लिए केन्द्र सरकार वित्तीय व्यवस्था कर रही है. यह सहायता टीबी के मरीजों को आधार के तहत दी जाएगी.

एमएसएमई और रोजगार

एमएमएमई सेक्टर को बड़ा पुश दिया जा रहा है. यह अर्थव्यवस्था का सबसे अहम ग्रोथ इंजन है. सेक्टर के लिए ऑनलाइन लोन की सुविधा पर बैंक काम कर रहे हैं. इस सेक्टर के गंदे कर्ज की सही करने की कोशिश हो रही है. इस क्षेत्र से देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावना है.

मुद्रा स्कीम के तहत एमएसएमई को लोन की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए केन्द्र सरकार ने 3,794 करोड़ रुपये का बजटीय अनुदान किया है जिसे कैपिटल सपोर्ट और ब्याज सब्सिडी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.   

देश में 4 करोड़ गरीब परिवारों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए 16,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बड़ा अनुदान

इंफ्रा सेक्टर इकोनॉमी के लिए अहम ग्रोथ ड्राइवर है. रेल और रोड सेक्टर में बड़े पोस्ट प्राप्त किए गए हैं.

रेलवे होगी मजबूत

रेल नेटवर्क के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेज चल रहा है. इसके साथ ही रेलवे की मैन्यूफैक्चरिंग इकाई अपने टार्गेट को प्राप्त करने में सफल हैं. इसके अलावा रेल में टेक्नोलॉजी और रेलवे सुरक्षा की दिशा में अगले दो साल बड़े काम किए जाएंगे.

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20, 000 लोगों से ज्यादा की प्रतिदिन भीड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे. मुंबई की लोकल ट्रेन को और मजबूत किया जाएगा. वहीं 40 हजार करोड़ की लागत से मुंबई लोकल के कवरेज को बढ़ाया जाएगा. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वडोदरा में इंस्टीट्य़ूट तैयार हो रहा है.

केन्द्र सरकार ने बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडीचर का  प्रावधान किया है. पिछले साल 1.31 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.

एयरपोर्ट: हवाई चप्पल पहने वाले करेंगे हवाई यात्रा. देश के एयरपोर्ट कपैसिटी को बढ़ाया जाएगा.

ग्लोबल इकोनॉमी तेजी से डिजिटल इकोनीमी की तरफ बढ़ रही है. इससे कदम मिलाते हुए नीति आयोग तैयारी कर रहा है.

एक लाख ग्राम पंचायत को इंटरनेट से जोड़ने का काम किया जा चुका है. अब केन्द्र सरकार 5 लाख हॉटस्पॉट लगाने की तैयारी में है जिससे 5 करोड़ लोगों को इंटरनेट सुविधा पहुंचाई जा सकती है.

क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल टेंडर नहीं है.

विनिवेश का लक्ष्य

2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपये रखा गया है. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान केन्द्र सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्ति हो चुकी है जबकि इस दौरान सरकार का लक्ष्य 72,500 करोड़ रुपये का था.

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डिफेंस क्षेत्र में निजी सेक्टर के निवेश को बढ़ाया गया है. केन्द्र सरकार वित्त वर्ष 18 में डिफेंस प्रोडक्शन की नई नीति लेकर आएगी. देश में दो डिफेंस कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे.

केन्द्र सरकार ने इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए 5.97 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान किया है.

केन्द्र सरकार ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में भारत की रैंकिग को और सुधारने के लिए 372 मूलभूत सुधारों की पहचान की है.

मर्ज होंगी इंश्योरेंस कंपनियां

नैशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया अश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस को मर्ज करते हुए शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाएगा.

इनकम टैक्स और कॉरपोर्ट टैक्स

वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान डायरेक्ट टैक्स में 12.6 फीसदी की ग्रोथ हुई है. टैक्स पेयर की संख्या 6.47 करोड़ से बढ़ कर 8.27 करोड़ पर पहुंच गई है. लिहाजा इससे साबित होता है कि केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को ईमानदार टैक्सपेयर ने स्वागत किया है. जेटली ने कहा कि पिजम्पटिंव इनकम स्कीम के तहत 41 फीसदी अधिक रिटर्न फाइल किया गया है.

इसके अलावा जेटली ने कहा कि 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को अगले 5 साल तक 100 फीसदी इनकम टैक्स से छूट का प्रावधान किया गया है.

वहीं फुटवियर और चपड़ा उद्योग को रोजगार पैदा करने के लिए 150 दिनों की टैक्स छूट का प्रावधान किया गया है. जेटली ने कहा कि इसके बाद सबसे अहम प्रावधान के तहत 250 करोड़ रुपये के अधिक टर्नओवर वाली एमएसएमई के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है.

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लांग टर्म कैपिटेल गेंस

लांग टर्म कैपिटेल गेंस पर टैक्स का प्रावधान. एक लाख रुपये तक के निवेश पर दस फीसदी टैक्स. 20 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा. इनकम टैक्स में मिली रियायतों का हिसाब बराबर.

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