
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन के खिलाफ अभियान तेज करते जा रहे हैं. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. बुधवार को अमेरिका ने चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अलग से 10 फीसदी शुल्क लगाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है.
अमेरिका ने यह कार्रवाई चीन के उस कदम के बाद की है, जिसमें ड्रैगन ने अमेरिका से चीन को निर्यात किए जाने वाले सामान पर शुल्क लगाया था. चीन ने इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर यूएस ने शुल्क लगाना बंद नहीं किया, तो वह 16 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर और शुल्क बढ़ा देगा. हालांकि इस धमकी का असर ट्रंप पर होता नहीं दिख रहा है.
जिन उत्पादों पर 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा. इसमें तकरीबन 6000 उत्पाद शामिल हैं. अमेरिकी सरकार के मुताबिक इन उत्पादों पर सितंबर से 10 फीसदी शुल्क लगाया जाएगा.
बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से दोनों देशों ने एक-दूसरे के देश से आने वाले उत्पाद पर भारी शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है.
ट्रेड वॉर अर्थात कारोबार की लड़ाई दो देशों के बीच होने वाले संरक्षणवाद का नतीजा होता है. यह स्थिति तब पैदा होती है, जब कोई देश किसी देश से आने वाले सामान पर टैरिफ ड्यूटी बढ़ाता है. इसके जवाब में सामने वाला देश भी इसी तरह ड्यूटी बढ़ाने लगता है.
ज्यादातर समय पर दुनिया का कोई भी देश यह कदम तब उठाता है, जब वह अपनी घरेलू इंडस्ट्री और कंपनियों का संरक्षण करने के लिए कदम उठाता है. इस ट्रेड वॉर का असर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर दिखने लगता है. इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर कारोबार को लेकर चिंता का माहौल तैयार हो जाता है.