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भारत में चल गया वॉलमार्ट का जादू तो यूं बनेगा न्यू इंडिया

इंग्लैंड की रिटेल स्टोर दिग्गज सेन्सबरी में भी वॉलमार्ट ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की बातचीत शुरू करने का ऐलान किया है. इस डील के जरिए वॉलमार्ट ने इंग्लैंड के रिटेल स्टोर कारोबार के 18 फीसदी मार्केट शेयर पर काबिज सेन्सबरी में 42 फीसदी तक हिस्सेदारी लेने की मंशा जाहिर की है. गौरतलब है कि इंग्लैंड में वॉलमार्ट एएसडीए नाम से मौजूद है.

अमेजन बनाम वॉलमार्ट में जीत फ्लिपकार्ट की अमेजन बनाम वॉलमार्ट में जीत फ्लिपकार्ट की
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2018,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी और अमेरिकी रिटेल चेन वॉलमार्ट ने भारत में फ्लिपकार्ट से डील करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. इस डील से अमेजन ने ई-रीटेल की दुनिया में अपने प्रतिद्वंदी अमेजन को भारतीय बाजार में चुनौती दी है.

दुनियाभर के बाजारों में चुनौती झेल रही वॉलमार्ट के लिए यह डील बेहद अहम है. इस डील से वॉलमार्ट ई-रिटेल की दुनिया में भी सबसे बड़ा प्लेयर बनने की तैयारी में है. इसी के चलते वॉममार्ट ने यूरोप में भी अपने कारोबार को मजबूत करने की पहल की है.

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इंग्लैंड की रिटेल स्टोर दिग्गज सेन्सबरी में भी वॉलमार्ट ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की बातचीत शुरू करने का ऐलान किया है. इस डील के जरिए वॉलमार्ट ने इंग्लैंड के रिटेल स्टोर कारोबार के 18 फीसदी मार्केट शेयर पर काबिज सेन्सबरी में 42 फीसदी तक हिस्सेदारी लेने की मंशा जाहिर की है. गौरतलब है कि इंग्लैंड में वॉलमार्ट एएसडीए नाम से मौजूद है.

वॉलमार्ट दुनिया के सबसे बड़े बाजार भारत में ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट की 55 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार है. इससे वह अमेरिका में अमेजन के हाथों मिली मात की भरपाई कर लेगा और दुनिया के एक बड़े बाजार पर अपना कब्जा भी कायम कर लेगा.

इसे पढ़ें: चीन से व्यापार घाटा अमेरिका और भारत को एक साथ ला रहा है?

जानें वॉलमार्ट की इंडिया और इंग्लैंड डील की खास बातें:

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1. भारत में अमेजन से टक्कर: फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील से वॉलमार्ट भारतीय बाजार में अपने सबसे बड़े अमेरिकी प्रतिद्वंदी अमेजन को चुनौती देगी. गौरतलब है कि अमेजन भी भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी बढ़ानें के लिए तैयार है. लेकिन वॉलमार्ट से अच्छी डील के चलते फ्लिपकार्ट को अमेजन का ऑफर ज्यादा मजबूत लग रहा है.   

2. दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रीटेल नेटवर्क- भारत में फ्लिपकार्ट और इंग्लैंड में सेन्सबरी के साथ करार के बाद वॉलमार्ट रिटेल दुनिया में सबसे ताकतवर होने के साथ-साथ ई-रिटेल के क्षेत्र में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तैयार हो जाएगा. गौरतलब है कि ई-रिटेल में वॉलमार्ट के इस कदम के बाद उसका सीधा मुकाबला चीन के अलीबाबा से होना तय है.

3. यूरोप में गलती सुधारने की कवायद में वॉलवार्ट- बीते लगभग दो दशक से वॉलमार्ट यूरोप में चुनौतियों से घिरा रहा है. अमेरिका में दिग्गज होने के बावजूद इंटरनैशनल ऑपरेशन में वॉलमार्ट को यूरोप में एंट्री आसान नहीं रही. हालांकि इंग्लैंड में वॉलमार्ट ने 1999 में रीटेल कंपनी एएसडीए में निवेश किया. मौजूदा समय में यह कंपनी इंग्लैंड में दूसरा सबसे बड़ा रीटेल समूह है. लिहाजा, सेन्सबरी से करार के बाद इंग्लैंड में वॉलमार्ट की भूमिका में इजाफा होगा और वह सबसे बड़े रिटेल ग्रुप की भूमिका में आ जाएगा.

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4. भारत में कारोबारी मौके- वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट करार के बाद देश की ई-रिटेल और रीटेल क्षेत्र में बड़े बदलावों का रास्ता साफ हो जाएगा. भारतीय ई-रिटेल सेक्टर में कदम रखने के साथ ही इस करार से वॉलमार्ट दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार भारत का सबसे अहम प्लेयर बन जाएगा. गौरतलब है कि वॉलमार्ट ने 2007 में भारतीय बाजार में एंट्री के लिए रिटेल सेक्टर को चुना था. लेकिन भारती एंटरप्राइस के साथ यह ज्वाइंट वेंचर 2013 में विफल हो गया और मौजूदा समय में भारत में वॉलमार्ट का सिर्फ 21 कैश एंड कैरी होलसेल स्टोर है. वहीं अमेरिका से आई ई-रिटेल कंपनी अमेजन ने इस दौरान भारतीय बाजार में दूसरे नंबर पर अपनी जगह बनाते हुए 27 फीसदी ऑनलाइन ट्रेड पर कब्जा कर लिया.

5. क्या मेक इन इंडिया को मिलेगा सहारा- क्या दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर और ई-रिटेलर कंपनियों की भारत में मौजूदगी से केन्द्र सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम मेक इन इंडिया को मदद मिलेगी. क्या भारतीय रिटेल और ई-रिटेल मार्केट में प्रतिस्पर्धा की शुरुआत से विदेशी कंपनियों का रुख मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने का होगा?

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