
अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी दिग्गज यशवंत सिन्हा लगातार मोदी सरकार को घेर रहे हैं. पहले लेख और उसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है. सिन्हा ने कहा कि वह पिछले एक साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं मिला है.
पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने डगमगाती अर्थव्यवस्था पर लेख क्या लिखा भारतीय राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया. आजतक से बात करते हुए यशवंत सिन्हा भड़क गए और कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को राजनीतिक ना बनाएं. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दे आर्थिक हैं.
सवाल: क्या आप इस बात से दुखी हैं कि आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों को खारिज कर दिया गया है?
जवाब: नहीं, मेरे किसी मुद्दे को खारिज नहीं किया गया है. सरकार को इस मुद्दे के साथ जुड़ना चाहिए. मेरा मकसद सरकार को शर्मिंदा करने का नहीं था. मैंने जो मुद्दे उठाए हैं उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.
सवाल: आपने इसके लिए पब्लिक प्लेटफॉर्म क्यों चुना?
जवाब: मेरे पास पार्टी में कोई प्लेटफॉर्म नहीं है, इसलिए मैंने आर्टिकल लिखा.
सवाल: आपने मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया, क्या सरकार को उन्हें सुनना चाहिए था?जवाब: आप इस मुद्दे को राजनीतिक बना रहे हैं, मैंने एक आर्थिक मुद्दा उठाया है. आपको इसके बारे में खुद मनमोहन सिंह से पूछना चाहिए.
मनमोहन सिंह की तारीफ
पूर्व वित्त मंत्री बोले कि उन्होंने कई मंत्रियों से मिलने का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं दिया गया. साफ है मेरा क्या महत्व है उन्होंने बता दिया है. उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी तारीफ की. यशवंत सिन्हा ने कहा कि मनमोहन सिंह की राज्यसभा में दी गई स्पीच बिल्कुल सही साबित हुई. मनमोहन सिंह एक बड़े अर्थशास्त्री हैं उनकी बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए.
यशवंत सिन्हा का सरकार पर वार- गिरती GDP के बीच नोटबंदी आग में तेल डालने की तरह
बता दें कि गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि 8 लाख करोड़ रुपए का पैसा एनपीए में फंसा हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई है. मुझे लगा कि बात को सामने रखना चाहिए. यशवंत सिन्हा ने कहा कि बैंक बुरी तरह से फंसे हुए हैं जिसके कारण बैंक ने कर्ज देना बंद कर दिया, अर्थव्यवस्था धीमी हुई. फिर नोटबंदी की और जीएसटी लागू कर दी गई जिसके बाद स्थिति बिगड़ती गई.
यशवंत सिन्हा बोले कि मैं बीजेपी में जीएसटी का सबसे बड़ा पक्षधर रहा हूं, उस समय मैं उस कमेटी में था. जब गुजरात सरकार के विरोध के बावजूद मैंने जीएसटी के काम को आगे बढ़ाया. आज जो लोग जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म बता रहे थे, उस समय वो कहीं पर भी नहीं थे.