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कोरोना महामारी के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों का बकाया 18 महीने का महंगाई भत्ता नहीं देगी सरकार, वित्त राज्यमंत्री की दो टूक

7th Pay Commission: वित्त राज्यमंत्री ने इस पूरे मामले में सरकार की ओर से सफाई देते हुएकहा कि जनवरी 2020, जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को जारी महंगाई भत्ते को नहीं देने का फैसला कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक नुकसान के कारण लिया गया है.

डीए एरियर पर सरकार ने अपना रुख साफ किया डीए एरियर पर सरकार ने अपना रुख साफ किया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों के रोके गए महंगाई भत्ते (DA Arrears) को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है. सरकार ने उन्हें बड़ा झटका देते हुए साफ कहा कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनका 18 महीने का बकाया डीए एरियर नहीं दिया जाएगा. 

बकाया DA देने का कोई प्लान नहीं

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में साफ शब्दों में बकाया डीए देने से इनकार कर दिया. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि भविष्य में भी इन 18 महीनों का केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तों का बकाया दिए जाने की सरकार की कोई योजना नहीं है.

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वित्त राज्य मंत्री ने बताया ये कारण

वित्त राज्यमंत्री ने इस पूरे मामले में सरकार की ओर से सफाई देते हुएकहा कि जनवरी 2020, जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को जारी महंगाई भत्ते को नहीं देने का फैसला कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक नुकसान के कारण लिया गया है. इस फैसले के सरकार ने 34,402.32 करोड़ रुपये की धनराशि सरकारी खजाने में बचाई है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जो मुकसान हुआ है सरकार के बकाया DA न देने के फैसले से वित्तीय नुक़सान को कम करने में बड़ी मदद मिली है. 

पंकज चौधरी के मुताबिक, महामारी काल में सरकार को कल्याणकारी योजनाओं के लिए काफी धन का प्रावधान करना पड़ा था. इसका असर 2020-21 और उसके बाद भी देखा गया है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के बकाये महंगाई भत्ते का एरियर 2020-21 के लिए है जिसे देना उचित नहीं समझा गया. अभी भी सरकार का वित्तीय घाटा एफआरबीएम एक्ट (FRBM Act) के तहत तय किए गए लेवल से दोगुना है. 

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कर्मचारियों की उम्मीदों को लगा झटका

केंद्रीय कर्मचारियों  (Government Employees) का जनवरी 2020 से जून 2021 तक का DA पेंडिंग है. सरकार ने देश में कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान कर्मचारियों के डीए को होल्ड कर दिया था. जब कोरोना महामारी के दौरान लगी तमाम पाबंदियों को हटा दिया गया, तो कर्मचारी अपने बकाया डीए की राशि वापस मिलने की उम्मीद जागी थी.

कर्मचारी लंबे समय से अपने बकाया डीए (Due DA) राशि का इंतजार कर रहे हैं और सरकार से इस पर जल्द फैसला लेने की मांग कर रहे थे. अब वित्त मंत्री की दो टूक ने डीए एरियर को लेकर सरकार का रुख साफ कर दिया है और केंद्रीय कर्मचारियों की उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. 

सितंबर 2022 में मिला था DA Hike

महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा होता है. सरकार इसे सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगियों को भी देती है. हर छह महीने पर केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में बदलाव किया जाता है. बीते साल सितंबर 2022 में मोदी सरकार ने कर्मचारियों को 4% DA Hike दिया था. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया था.

DA Hike के बाद संभावना जताई जा रही थी कि कोरोना काल में रोके गए बकाया डीए के भुगतान पर भी सरकार जल्द सहमत होगी और उनके खाते में एकमुश्त बड़ी रकम आएगी. बकाया डीए देने से इनकार करने के सरकार के फैसले से केंद्र के 50 लाख कर्मचारियों (Employees) और 65 लाख पेंशनर्स (Pensioners) को झटका लगा है. 

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