
क्या हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने जिस मकसद से अडानी ग्रुप के खिलाफ मोर्चो खोला था, वो पूरा हो गया है? दरअसल, अडानी ग्रुप के खिलाफ अचानक आज से ठीक एक महीना पहले अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने आरोपों की लंबी फेहरिस्त के साथ कुल 88 सवाल दागे थे. 24 जनवरी को खुलासे के बाद भी हिंडनबर्ग का अडानी ग्रुप के खिलाफ मुहिम जारी है. ऐसा लगता है कि अडानी ग्रुप के पीछे हिंडनबर्ग और उसके फाउंडर नाथन एंडरसन हाथ धोकर पड़ गए हैं.
वर्षों की कमाई... महीने भर में गंवाई
पिछले एक महीने में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप (Market Capitalisation) करीब 11,99,256.66 करोड़ रुपये लुढ़का है. ये आंकड़ा शुक्रवार तक का है. फिलहाल अडानी ग्रुप का मार्केट कैप घटकर 7,20,632 करोड़ रुपये रह गया है. जबकि इससे पहले 24 जनवरी को मार्केट कैप 19,19,888 करोड़ रुपये था.
हिंडनबर्ग की चोट के बाद अब अडानी ग्रुप की केवल दो कंपनियों के मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रह गया है. जबकि 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की 6 कंपनियों के मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थे. अडानी टोटल गैस को मार्केट मार्केट वैल्यू में 3.44 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जबकि अडानी एंटरप्राइजेज का एम-कैप 2.38 लाख करोड़ रुपये, अडानी ट्रांसमिशन का 2.28 लाख करोड़ रुपये और अडानी ग्रीन एनर्जी का 2.26 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है.
अब अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की नजर
यही नहीं, 24 जनवरी को खुलासे के बाद से न्यूयॉर्क स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. अपनी रिपोर्ट को सच साबित करने के लिए लगातार ऐसे कंटेंट को शेयर कर रहे हैं, जो अडानी ग्रुप के खिलाफ उठाए जा रहे हैं. गुरुवार को ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए एंडरसन ने लिखा कि अब यह पुष्टि हो गई है कि विनोद ने अडानी समूह के लिए वित्तपोषण सौदों पर बातचीत की और समूह के सबसे बड़े अधिग्रहण में प्रमुख खिलाड़ी थे.
हिल गया अडानी का साम्राज्य
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से न सिर्फ अडानी के शेयरों को झटका लगा है, इसका असर अडानी के कर्जदाताओं पर भी देखने को मिला. एसबीआई ने हाल ही में बयान दिया कि अडानी समूह को बैंक ने बहुत ज्यादा कर्ज नहीं दिया है. बैंक ने अडानी को केवल 27000 रुपये कर्ज दिया है, जो बैंक के कुल लोन का महज 0.9 फीसदी हिस्सा है. यही नहीं, हिंडनबर्ग के आरोपों पर RBI को सफाई देना पड़ा, केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारत बैंकिंग सेक्टर स्थिर है, और अडानी ग्रुप को लेकर किसी भी तरह का डर नहीं है.
इस बीच अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) में गौतम अडानी खिसककर 29वें पायदान पर पहुंच गए हैं. फिलहाल उनकी संपत्ति केवल 41.5 बिलियन डॉलर बची है. जबकि आज से ठीक एक महीने पहले वो चौथे पायदान पर थे. सितंबर 2022 में गौतम अडानी की नेटवर्थ तेजी से बढ़ते हुए 150 अरब डॉलर पर जा पहुंची थी.
बता दें, हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 7 प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं. हालांकि ये दावा एक महीने पहले किसी को हजम नहीं हो रहा था. लेकिन हिंडनबर्ग के कथित दावे के मुताबिक अडानी ग्रुप के शेयर 24 जनवरी से 24 फरवरी के बीच 85 फीसदी अधिक गिर गए. 24 जनवरी को Adani Total Share का भाव 3851.75 रुपये था, जिसमें अब तक 80.68 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. इसके अलावा अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर भी पिछले एक महीने में 80 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं.
हिंडनबर्ग का इतिहास
इस बीच हिंडनबर्ग रिसर्च का भी इतिहास सामने आया है. हिंडनबर्ग का कॉर्पोरेट गलत कामों को खोजने और उन कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने का ट्रैक रिकॉर्ड है. कंपनी 'शॉर्ट सेलिंग' के लिए मशहूर है. हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक वित्तीय शोध फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है. इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है. साल 2017 के बाद से हिंडनबर्ग ने अब तक करीब 16 कंपनियों में कथित गड़बड़ी को लेकर खुलासा किया है.