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मिडिल क्लास की भर दी झोली, मंथली 1 लाख से भी ज्यादा सैलरी... तो जीरो इनकम टैक्स, जानिए कैसे बचेगा पैसा

New Income Tax Rule: न्यू टैक्स रिजीम को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने ये बड़ा बदलाव किया है. दरअसल, पहली बार साल 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को सरकार ने पेश किया था. लेकिन उस समय लोग उसे अपनाने से कतरा रहे थे.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

आयकर (Income Tax) के मोर्चे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मिडिल क्लास को खुश कर दिया है. अब अगर आपकी हर महीने 1 लाख रुपये से भी अधिक सैलरी है तो भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. दरअसल, वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab) में एक बार फिर बदलाव का ऐलान किया है. अब एक तरह से न्यू टैक्स रिजीम के साथ ही सरकार ने आगे बढ़ने का फैसला किया है. क्योंकि ओल्ड टैक्स रिजीम में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

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दरअसल, न्यू टैक्स रिजीम को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने ये बड़ा बदलाव किया है. दरअसल, पहली बार साल 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को सरकार ने पेश किया था. लेकिन उस समय लोग उसे अपनाने से कतरा रहे थे. लेकिन उसके बाद न्यू टैक्स रिजीम में लगातार सुधार के बाद अब 12 लाख तक की आय तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगाने का फैसला किया है. 

मिडिल क्लास की भर दी झोली 

दरअसल, मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. जहां तक आयकर में बदलाव की बात है, तो हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 65 फीसदी से ज्यादा करदाता न्यू टैक्स रिजीम (New tax Regime) को अपना चुके हैं, यानी हर 3 में से 2 लोग न्यू टैक्स रिजीम के तहत आयकर फाइल कर रहे हैं. 

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बता दें, सरकार ने जब बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को लागू किया तो लोग इसे अपनाने से कतरा रहे थे, क्योंकि उस समय न्यू टैक्स सिस्टम के मुकाबले ओल्ड टैक्स सिस्टम (Old Tax System) ज्यादा बेहतर और फायदेमंद लग रह रहा था. लेकिन अब सरकार का फोकस न्यू टैक्स रिजीम पर है...

New Tax slabs (2025) 
0-4 लाख की आय पर: 0
4 लाख से 8 लाख की आय पर: 5%
8 लाख से 12 लाख की आय पर: 10%
12 लाख से 16 लाख की आय पर: 15%
16 लाख से 20 लाख की आय पर: 20%
20 लाख से 24 लाख की आय पर: 25%
24 लाख से अधिक की आय पर: 30%

पिछले साल जुलाई में बजट के दौरान सरकार ने न्यू टैक्‍स रिजीम के तहत स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया गया था. इस हिसाब से देखें तो 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा. इससे ऊपर की आय पर टैक्स देना पड़ेगा. वहीं ओल्ड टैक्स सिस्टम में अब भी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50000 रुपये है.

जबकि इससे पहले का न्यू टैक्स स्लैब को देखें तो उसमें 7 लाख तक आय तक कोई आयकर नहीं देना पड़ता था, और 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स का प्रावधान था. जबकि अब 24 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी आयकर लगाने का फैसला किया गया है. 

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न्‍यू टैक्‍स रिजीम (2024-25)  
₹0-₹3 लाख: शून्य
₹3-₹7 लाख: 5%
₹7-₹10 लाख: 10%
₹10-₹12 लाख: 15%
₹12-₹15 लाख: 20%
₹15 लाख से अधिक: 30%

जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यों का त्यों बना हुआ है.  

ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime)
- 0 से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर: 0%
- 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर: 5%
- 05 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय: 20%
- 10 लाख से अधिक की आय पर: 30%

इसके अलावा न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab) में भी बदलाव किया गया, जो आयकर दाताओं को अब आकर्षक लग रहा है. सरकार की कोशिश है कि लोग के पास एक सहज आयकर सिस्टम हो, जिसे लोग आसानी से अपनाएं और उसे महसूस करे. साथ ही उस बदलाव पॉजीटिव मैसेज जनता में जाएं, और उसका दूरगामी परिणाम हो.

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