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चाइनीज राखी बाजार से गायब... इस बार रक्षाबंधन पर 12000 करोड़ की बंपर बिक्री का अनुमान

व्यापारियों के मुताबिक बाजारों में राखी की खरीददारी की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है और लोगों में त्योहार के प्रति उत्साह भी है. पिछले कई साल की तरह इस बार भी स्वदेशी राखियां ही बिक रही हैं. चीन की बनी राखियां तो बाजार से एकदम नदारद हैं.

Raksha Bandhan 2024 Raksha Bandhan 2024
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

बहन भाई के प्रेम के प्रतीक त्योहार रक्षाबंधन पर इस साल बाज़ार में जमकर कारोबार होने की उम्मीद है. व्यापारी संगठन कैट के मुताबिक जिस तरह से हाल के दिनों में राखियों की मांग में इज़ाफ़ा हुआ है उसे देखते हुए इस साल रक्षाबंधन पर 12 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद है जबकि पिछले साल राखी पर क़रीब 10 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. 

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इससे पहले 2022 में 7 हजार करोड़ रुपये, 2021 में 6 हजार करोड़ रुपये, 2020 में 5 हज़ार करोड़ रुपये, 2019 में 3500 करोड़ रुपये और 2018 में 3 हजार करोड़ रुपये का कारोबार रक्षाबंधन के मौके पर हुआ था. 

बाजार से गायब चीन की राखियां
व्यापारियों के मुताबिक बाजारों में राखी की खरीददारी की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है और लोगों में त्योहार के प्रति उत्साह भी है. पिछले कई साल की तरह इस बार भी स्वदेशी राखियां ही बिक रही हैं. चीन की बनी राखियां तो बाजार से एकदम नदारद हैं. बाज़ार में हमेशा की तरह पारंपरिक राखियों की धूम है, जिनमें प्रमुख हैं नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर की सांगानेरी कला राखी, पुणे की बीज राखी, सतना की ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी, असम की चाय पत्ती राखी, कोलकाता की जूट राखी, मुंबई की रेशम राखी, केरल की खजूर राखी, कानपुर की मोती राखी, बिहार की मधुबनी और मैथिली कला राखी, पांडिचेरी की सॉफ्ट पत्थर की राखी और बैंगलोर की फूल राखी. 

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इसके अलावा तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम की राखी, भारत माता की राखी भी बाज़ार में मौजूद हैं. डिज़ाइनर राखियों और चांदी की राखियां भी बाज़ार में खूब बिक रही हैं.

त्योहारों में 4 लाख करोड़ की बिक्री का अनुमान
कैट के मुताबिक 19 अगस्त, रक्षाबंधन से शुरू होकर 15 नवंबर को तुलसी विवाह के दिन तक त्योहारी सीजन रहेगा. इस दौरान सामानों की बिक्री के माध्यम से देश के बाजारों में करीब 4 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की त्योहारों से जुड़े सामानों की बिक्री होने की उम्मीद है.  इनमें मुख्य रूप से भारतीय सामानों की ही बिक्री होगी. हालांकि इस दौरान सबसे ज्यादा बिक्री नवरात्र से लेकर दीवाली के बीच होगी. इस दौरान करीब 30 दिनों में देश में सालभर में होने वाली कुल बिक्री का सबसे बड़ा हिस्सा बाजार से निकलता है. 

ऑनलाइन बिक्री का रिकॉर्ड!
क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकिट के फाउंडर अलबिंदर का कहना है कि इस साल उनके प्लेटफार्म के जरिये रिकॉर्ड बिक्री हुई है. रविवार रात उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करके जानकारी दी. जिसमें उन्होंने लिखा कि इस साल राखी पर बिक्री नया रिकॉर्ड बना. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा की प्रति मिनट राखियों की सेल में इजाफा हुआ है जिससे एक ही दिन में राखियों की रिकॉर्ड बिक्री हुई. राखियों के अलावा चॉकलेट और बाकी गिफ्ट्स की भी खूब बिक्री हुई.

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