Advertisement

SBI ने बताया, चीन से कैसे कम होगा भारत का आयात

एसबीआई के मुताबिक भारत को चीन से आयात कम करने के लिये एक नपा-तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.

sbi sbi
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST
  • भारत—चीन के बीच कारोबारी रिश्तों में तनाव बढ़ा
  • भारत सरकार ने चीन के खिलाफ लिए हैं कई फैसले

भारत और चीन के बीच कारोबारी रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है. आर्थिक मोर्चे पर भारत की ओर से तमाम कड़े फैसले लिए गए हैं. इस बीच, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में बताया गया है कि कैसे चीन पर निर्भरता कम किया जा सकता है.

क्या कहा गया है रिपोर्ट में?


एसबीआई के मुताबिक भारत को चीन से आयात कम करने के लिये एक नपा-तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. क्योंकि पड़ोसी देश भारत में महंगे और सस्ते दोनों तरह के माल के बाजार में मजबूत पैठ बना चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘स्पष्ट रूप से, चीन ने धीरे-धीरे और लगातार भारत में उच्च व निम्न-मूल्य दोनों श्रेणियों के आयात में अपनी एक ठोस जगह बना ली है. ऐसे में हमें चीन से आयात को अचानक रोक देने के बजाया नपा तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.'' 

Advertisement

एसबीआई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले से घरेलू आईटी सेक्टर को अपनी क्षमताएं विकसित करने के अवसर मिलेंगे.  रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत चीन की तुलना में दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं की अधिक मात्रा में निर्यात करता है. हालांकि, चीन तेजी से पकड़ बना रहा है और भारत को फुर्ती दिखाने की जरूरत है.” 

आयात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में माहौल बना

रिपोर्ट के मुताबिक सीमा पर टकराव के बाद अब चीन से आयात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में व्यापक माहौल बना है. भारत को कुछ ऐसे उत्पादों के आयात पर निश्चित तौर पर रोक लगाना चाहिये, जिनमें भारत के पास चीन की तुलना में बेहतर स्थिति है और जो घरेलू लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की मदद कर सकें.

Advertisement

ये पढ़ें—येस बैंक लोन घोटाला: राणा कपूर और वधावन बंधु की 2400 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत बहुत सारे उत्पादों के लिये चीन पर निर्भर है. उदाहरण के लिये, 1996-97 में 22 ऐसी श्रेणियां थीं, जिनमें भारत ने चीन से कुछ भी आयात नहीं किया था, लेकिन 2019-20 में इनका आयात का मूल्य लगभग 50 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement