
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार सबसे तेज बनी हुई है. भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी इस तेजी का फायदा लोगों को भी इनकम में इजाफे के तौर पर मिल रहा है. आमदनी में बढ़ोतरी के साथ-साथ अब देश में ज्यादा कमाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.
खासकर कोविड-19 के बाद तो हाई इनकम ग्रुप (Income Group) की कमाई में जबरदस्त उछाल देखा गया है. 50 लाख से लेकर 10 करोड़ या इससे ज्यादा कमाने वालों की संख्या प्री-कोविड स्तर के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ी है.
देश में तेजी से बढ़ रही है अमीरों की संख्या
सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की संख्या बीते 5 साल में 63 फीसदी बढ़ी है, अब देश में ऐसे लोगों की संख्या 31 हजार 800 पर पहुंच गई है. सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की रिपोर्ट में इनकम ग्रुप्स के आधार पर हुई बढ़ोतरी को लेकर जो आंकड़े पेश किए गए हैं, उनके मुताबिक देश में 58 हजार 200 लोग हर साल पांच करोड़ से ज्यादा कमाई करते हैं.
पांच करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की संयुक्त कमाई 106 परसेंट बढ़ी है, और इनकी कुल कमाई बढ़कर 40 लाख करोड़ रुपये हो गई है. वहीं 50 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वालों की संख्या पांच साल में 25 परसेंट बढ़ी है, और 10 लाख से ज्यादा लोग अब हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं.
10 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों की संख्या में जोरदार इजाफा
10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की संयुक्त कमाई 121 परसेंट बढ़ी है. 10 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों की संयुक्त कमाई बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपये हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ज्यादा कमाने वाले लोगों और उनकी कमाई में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन इसके बावजूद केवल 15 फीसदी लोग फाइनेंशियल एसेट्स का प्रोफेशनल मैनेजमेंट करते हैं. जबकि विकसित देशों में 75 परसेंट लोगों के फाइनेंशियल एसेट्स का मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स करते हैं.
रिपोर्ट में अनुमान कहा गया है कि 2028 में HIGH NETWORTH INDIVIDUALS यानी HNIs कि वित्तीय संपत्ति बढ़कर 2.2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जो 2023 में 1.2 ट्रिलियन डॉलर है. 2023-28 के दौरान HNIs और अल्ट्रा HNIs की संख्या में सालाना 13-14 परसेंट का इजाफा होगा. 10 लाख डॉलर से ज्यादा फाइनेंशियल एसेट्स वाले HNI और 30 लाख डॉलर से ज्यादा वाले अलट्रा HNIs कहे जाते हैं.