
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है. कंपनी के सीओओ एन. गणपति सुब्रमण्यम का कहना है कि TCS कंपनी साल 1990 से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम कर रही है.
बिजनेस टुडे से खास बातचीत में गणपति सुब्रमण्यम ने कहा, 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोई नई चीज नहीं है. मुझे लगता है कि इसे हम 1990 से देख रहे हैं, फिलहाल इसमें अपडेट यही है कि यह तेजी से बेहतर हो रहा है और लोग अब धीरे-धीरे इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि यह अब उस स्टेज पर जहां हम-आप इसका इस्तेमाल करेंगे, आने वाले दिनों में मेरे बच्चे भी इसे बेहतर तरीके से यूज करेंगे.'
COO का कहना है कि फिलहाल AI ऐसे मुकाम पर पहुंच गया है, जहां उसने आईटी कर्मचारियों की क्षमताओं को पार कर लिया है. आप कह सकते हैं कि उसने सीखने के लेवल को पार कर लिया है. हमारी आईटी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट्स में AI को लागू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि TCS बीएएनसीएस का 95 फीसदी कोड प्रांप्ट से तैयार होता है. इसके लिए उदाहरण देते हुए बताया कि हमारा प्रोडक्ट, TCS BaNCS, TCS BaNCS का 95 प्रतिशत कोड पूरी तरह से उच्च स्तर के संकेत के आधार पर बनता है.
कोई नौकरी खतरे में नहीं
जब उनसे पूछा गया है कि क्या AI आने से इंजीनियरिंग की नौकरियां खतरे में हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी तरह का खतरा नहीं है. नौकरियां सुरक्षित हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्किंग प्लेस में एआई की मदद लेने से निकट भविष्य में प्रोडक्शन और बेहतर रहने का अनुमान है.
उन्होंने कहा, 'अभी मुझे लगता है कि नौकरियां और सुरक्षित होने जा रही हैं. हर नई टेक्नोलॉजी के आने से नौकरियां बढ़ी हैं. काम करने के तरीके में भी बदलाव आता है और बेहतर रिजल्ट भी मिलता है. ऐसी टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ने वाली है. इसलिए मेरी सलाह इस टेक्नोलॉजी को सीखने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए.' पिछले कुछ महीनों से TCS के ग्राहक चैटजीपीटी को लेकर उत्सुक हैं और वो इसके बारे में गहराई से जानना चाहते हैं.
चैटजीपीटी को करें सीखने की कोशिश
इससे पहले पिछले महीने TCS के चीफ ह्यूमन रिसॉर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने कहा था कि इस तरह के टूल प्रोडक्टिविटी में सुधार करने में मदद करेंगे, लेकिन कंपनियों के बिजनेस मॉडल को नहीं बदलेंगे. उन्होंने चैटजीपीटी जैसे एआई प्लेटफॉर्म्स को खतरा मानने से इनकार किया था. कंपनी के मुताबिक, यह एआई को-वर्कर के तौर पर काम करेंगे और इनसे नौकरियां कम नहीं होंगी.
बता दें कि टीसीएस में लगभग 6 लाख लोग नौकरी करते हैं. बुधवार को कंपनी ने चौथी तिमाही के नतीजे पेश किए. टीसीएस का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट साल दर साल आधार पर 14.8 फीसदी बढ़कर 11,392 करोड़ रुपये रहा. रेवेन्यू भी 16.9 फीसदी बढ़कर 59,162 करोड़ रुपये रहा. अगर चौथी तिमाही के नतीजों की बात करें तो रेवेन्यू ग्रोथ 1.6 फीसदी रही, जबकि नेट प्रॉफिट ग्रोथ 5 फीसदी रही.
क्या है चैट जीपीटी?
चैटजीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है. साफ शब्दों में कहें तो चैटजीपीटी एक तरह का चैटबॉट है, जिसकी मदद से आप चैट कर सकते हैं. आप चैटजीपीटी से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं.