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Bank Strike Total Loss: सरकारी बैंक कर्मचारियों की दो दिनों की हड़ताल (Bank Strike) शुक्रवार को समाप्त हो गई. इन दो दिनों में बैंकिंग से जुड़े कई कामकाज पर असर पड़ा. दो दिनों के दौरान सिर्फ चेक क्लियरेंस (Cheque Clearance) अटकने से करीब 37 हजार करोड़ रुपये के काम रुक गए.
दो दिन में अटके करीब 38 लाख चेक
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचलम की मानें तो दो दिनों की हड़ताल के कारण करीब 37 हजार करोड़ रुपये के चेक का क्लियरेंस नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण करीब 38 लाख चेक के क्लियरेंस का काम प्रभावित हुआ. वेंकटचलम ने दावा किया कि इस दो दिवसीय हड़ताल में सिर्फ सरकारी बैंकों के कर्मचारी ही शामिल नहीं हुए, बल्कि कुछ प्राइवेट बैंकों और फॉरेन बैंकों के कर्मचारी भी इसमें शरीक हुए.
इन तीन शहरों में हैं चेक क्लियरेंस सेंटर
देश के तीन शहरों दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में चेक क्लियरिंग सेंटर हैं. वेंकटचलम ने दावा किया कि इनमें से चेन्नई में 10,600 करोड़ रुपये के करीब 10 लाख चेक और मुंबई में 15,400 करोड़ रुपये के करीब 18 लाख चेक मुंबई में अटके. इनके अलावा दिल्ली में 11,000 करोड़ रुपये के करीब 11 लाख चेक का क्लियरेंस नहीं हो पाया.
पहले ही दिन अटक गया था इतने हजार करोड़ का काम
इससे पहले बैंक यूनियन लीडर ने बताया था कि हड़ताल के पहले दिन ही 20.4 लाख चेक का क्लियरेंस अटक गया. इससे 18,600 करोड़ रुपये के बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुए. सरकारी बैंककर्मियों की इस हड़ताल के चलते गुरुवार को जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस, लोन अप्रूवल जैसे काम प्रभावित हुए.
इस कारण से हुई हड़ताल
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार दो अन्य सरकारी बैंकों के निजीकरण की तैयारी कर रही है. बैंक कर्मचारियों के यूनियन इसी का विरोध कर रहे हैं. बैंक यूनियंस ने दावा किया कि इस हड़ताल के कारण देश में करीब एक लाख बैंक ब्रांचेज बंद रहे. अब शनिवार को जब बैंक खुलेंगे, तो ग्राहक सामान्य बैंकिंग के कामकाज निपटा सकेंगे.