
देश एक बार फिर 'नोटबंदी' (Demonetisation) का सामना कर रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 19 मई को एक सर्कुलर जारी कर 2000 रुपये के नोट (Rs 2000 Note ) को चलन से बाहर करने का ऐलान किया. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने साफ शब्दों में कहा कि ये नोटबंदी नहीं है. ये नोट लीगल टेंडर रहेंगे, सिर्फ इन्हें सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. इन्हें बदलने के लिए रिजर्व बैंक ने चार महीने से ज्यादा का समय भी लोगों को दिया है, जिसकी प्रक्रिया अगले मंगलवार से शुरू हो जाएगी.
23 मई से बदलदा सकेंगे नोट
रिजर्व बैंक ने एफएक्यू (RBI FAQ) जारी कर दिया है और इसमें कहा गया है कि चलन से बाहर किए जा रहे 2000 रुपये के नोट को बदलने की प्रक्रिया 23 मई 2023 से शुरू हो जाएगी और 30 सितंबर तक इन्हें बदला जा सकेगा. अगर आपके पास भी ये नोट हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप इन्हें आसानी से चेंज करा सकते हैं. आपको करना बस अपने नजदीकी किसी भी बैंक की ब्रांच में ये नोट लेकर जाने होंगे और वहां ये बदल जाएंगे.
एक बार में कितने नोट बदलेंगे?
इस बार भी नोट बदलने की प्रक्रिया, ठीक वैसी ही है जैसी नवंबर 2016 में पहली नोटबंदी के समय थी. जब 500 और 1000 रुपये के बड़े नोटों को सर्कुलेशन से बाहर किया गया था. मतलब आरबीआई ने नोट बदलवाने के लिए एक लिमिट सेट कर दी है. केंद्रीय बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, आप एक बार में 2000 रुपये के 10 नोट ही बदलवा सकेंगे. यानी एक बार में नोट बदलवाने की लिमिट 20,000 रुपये सेट की गई है.
RBI की 19 शाखाओं में बदले जाएंगे नोट
2,000 रुपये के नोट बदलवाने से संबंधित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एफएक्यू के मुताबिक, RBI की 19 शाखाओं में भी चलन से बाहर हुए ये नोट बदले जा सकेंगे. बता दें 2016 में हुई नोटबंदी के बाद आरबीआई ने 2000 रुपये का नोट जारी किया था. दो हजार रुपये के नोट का सर्कुलेशन सबसे ज्यादा साल 2017 में देखने को मिला था, तब रिजर्व बैंक ने तकरीबन 89% नोट जारी किए थे. 31 मार्च 2018 तक कुल नोटों में इनकी हिस्सेदारी घटकर महज 37.3 फीसदी रह गई थी, जबकि 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 10.8 फीसदी पर आ गया.
क्यों लिया 2000 के नोट बंद करने का निर्णय?
2000 रुपये के नोट बंद करने के इस बड़े फैसले के पीछे के कारणों की बात करें तो आरबीआई के सूत्रों का कहना है कि चलन में नकली नोट बढ़ने के कारण 2,000 रुपये के नोट को वापस ले लिया गया है. इशके अलावा ऑपरेशन क्लीन नोट नीति (Opration Clean Note) का उद्देश्य काले धन के बाजार को लक्षित करना है. यही कालेधन की बाद पहली नोटबंदी के दौरान भी कही गई थी.